भगवान महावीर के प्रति भावांजलि
वीरप्रभु को नमन करें, जन्म जयंती आई है।
खुशियां ही खुशियां भू पर, चिंहुदिशी छाई है।।
मां-त्रिशला का अभिनंदन, करते हम मिलकर सारे।
वर्धमान को जन्म दिया, चमके वे बन ध्रुवतारे।
चैत्री-तेरस की बेला, सबको भाई है।।
राजपाट का मोह तजकर, पहना था संयम का ताज।
उपसर्गों को झेला था, बनकर के तुम वर गिरीराज।
समता से तीर्थंकर की, पदवी पाई है।।
नभ धरती में गूंज रहा, शासनपति का जयनारा।
वर्धमान है गण तेरा, लगता जिनशासन प्यारा।
तुमसे पा सिंचन गण की, कलि-कलि विकसाई है।।
भक्तों के भगवान की, आज उतारें आरती।
तीर्थंकर महावीर की, गाएं हम गुण भारती।
शासन के दिनकर बज रही, यश-शहनाई है।।
लय - जीवन है पानी की बूंद