महाप्रज्ञ गुरवे नमः
महाप्रज्ञ गुरवे नमः का आओ मिलकर जाप करें।
आज उन्हीं की स्मृतियों में हम प्रभु का ही सब ध्यान धरें।
गुरु तुलसी के पट्टधर, दसवें नायक हे गणिवर।।
प्रेक्षा दायक है दिनकर, गुरु तुलसी का आशीर्वर
बांटो प्रज्ञा जी भरकर, महाप्रज्ञवर हे गुरुवर
तुलसी चरणों में समर्पण तेरा विरल,
तेरे कदमों में खिलते रहें शतदल।
तेरे पदचिन्हों पर, करते जाए सफर,
छू ले निश्चित हम अंबर,
पाया तुमसे अनुपम सिंचन खुद का अब निर्माण करें।।
सुरलोक तुम्हें क्या रास आ गया?
अपनी सारी सृष्टि रच विसरा दिया।
हमारी सांसे तेरे नाम, सब कुछ तुम पर कुर्बान,
जीवन सारा है अर्पण,
एक झलक पाने के खातिर इन प्राणों में जान भरें।।
सुना भक्त के वश में होते भगवान,
भक्तिमय प्रभु हम भक्तों के ये प्राण।
प्रभु आ जाओ ना, मत तरसाओ ना,
सुन लो यह दिल की पुकार,
आओ-आओ दर्श दिराओ हम मीठी मनुहार करें।।
लय - शिव शंकर को