मासिक अमावस्या पर जप, तप एवं स्वाध्याय

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मासिक अमावस्या पर जप, तप एवं स्वाध्याय

राजाजीनगर। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के 2550वें निर्वाणोत्सव के उपलक्ष में तेरापंथ धर्म संघ के एकादशम् अधिशास्ता युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी द्वारा प्रत्येक मासिक अमावस्या को जप, तप एवं स्वाध्याय के इंगित अनुसार पंचम कार्यशाला का विशेष आयोजन तेरापंथ युवक परिषद राजाजीनगर द्वारा स्थानीय तेरापंथ भवन में किया गया। प्रवक्ता उपासक महेंद्रकुमार दक ने सामूहिक नमस्कार महामंत्र का उच्चारण करवाते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया। भगवान महावीर की स्तुति के पश्चात जप का क्रम संपन्न किया गया। तत्पश्चात् स्वाध्याय करवाते हुए आचार्यश्री महाप्रज्ञ द्वारा लिखित पुस्तक ‘कैसी हो जीवन शैली’ के अंतर्गत 9 सूत्र बताते हुए उनके बारे में विस्तार से समझाया।
उपासक राजमल बोहरा ने आचार्यश्री महाप्रज्ञ द्वारा लिखित पुस्तक ‘श्रमण महावीर’ से भगवान के बाल्यावस्था के प्रसंगों से अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। स्वाध्याय के क्रम में उपासिका मंजू गन्ना ने आचार्यश्री महाप्रज्ञ द्वारा लिखित पुस्तक महावीर का पुनर्जन्म पुस्तक के आठवें अध्याय ‘इंद्रिय संयम’ से इंद्रियों के मित्र और शत्रु भाव को समझाया। कार्यक्रम को मंगलपाठ से सम्पन्न किया गया।