वृहद् मंगल पाठ श्रवण से मिलती है ऊर्जा

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वृहद् मंगल पाठ श्रवण से मिलती है ऊर्जा

कांदिवली, मुंबई। युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या शासनश्री साध्वी विद्यावतीजी 'द्वितीय' ठाणा 5 के सान्निध्य में भारतीय संस्कृति के अनुसार नव संवत्सर के अवसर पर बृहद् मंगल पाठ का विशेष आयोजन आयोजित हुआ। सर्वप्रथम नमस्कार महामंत्र का जप सामू‌हिक रूप से किया गया तत्पश्चात साध्वी प्रियंवदा जी ने आज के दिन की महत्ता पर संक्षिप्त उद्‌गार व्यक्त किये। साध्वी प्रेरणाश्री जी, साध्वी मृदु‌यशा जी एवं साध्वी ऋद्धियशा जी ने समवेत स्वरों में कई प्रभावशाली मंत्रों का उच्चारण किया। स्तुति परक श्लोकों को उच्चारित करवाकर समुपस्थित जनसमूह को भक्ति एवं श्रद्धा से सराबोर कर दिया।
साध्वी विद्यावती जी ने कहा- विक्रम संवत् 2081 चैत्र शुक्ला एकम नये वर्ष के शुभारंभ का दिन है। पूरा वर्ष हमारे लिए आनंद‌मय, एवं मंगलमय हो इसलिए मंत्रों का श्रवण किया जाता है। नवरात्रि का प्रथम दिन काफी महत्त्वपूर्ण होता है। सब अपने भीतर की शक्ति को जागृत करें। इस अवसर पर तेरापंथ सभा, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मंडल के पदाधिकारी एवं श्रावक समाज अच्छी संख्या में उपस्थित थे। अंत में बृहद् मंगल पाठ एवं जय घोष के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ ।