श्रद्धा भक्ति व समर्पण की मशाल का नाम है शासनमाता : साध्वी अणिमाश्री

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श्रद्धा भक्ति व समर्पण की मशाल का नाम है शासनमाता : साध्वी अणिमाश्री

साध्वी अणिमाश्रीजी के सान्न्ध्यि में फरीदाबाद तेरापंथ भवन में शासनमाता साध्वीप्रमुखा श्री कनकप्रभाजी की द्वितीय वार्षिक पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित हुआ।
साध्वी अणिमाश्रीजी ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा- दुनिया में कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जो उजालों में जन्म लेते है, उजाले का जीवन जीते है, अपने कर्तव्य से जग को उजाला बांटते है एवं अंत में उजाले में विलीन हो जाते हैं। ऐसे आलोकमय व्यक्तियों की श्रृंखला में एक नाम है शासनमाता का। शासनमाता तेरापंथ धर्मसंघ में दीक्षित हुई। तेरापंथ आलोक का पर्याय है। आलोक पुंज आचार्य श्री तुलसी ने उनके जीवन को आलोक से आपूरित किया एवं उन्होंने अपने कर्तव्य का उजास दुनिया में बांटा और आज के दिन ज्योति में विलीन हो गई। उनका जीवन श्रम की दीपशिखा था। उनके हाथ में गुरूभक्ति, श्रद्धा व समर्पण की मशाल थी। उन्होंने मन मंदिर में विवेक का दीप प्रज्ज्वलित कर रखा था। इन गुणों की बदौलत उनका जीवन आलोकमय बन गया।
साध्वी कर्णिकाश्रीजी ने श्रद्धाभिव्यक्ति देते हुए कहा- साहस की महाज्योत का नाम है- साध्वीप्रमुखाश्रीजी। उनके साहस के नगमें आज भी धर्मसंघ में अनुगूंजित हो रहे हैं।
डॉ. साध्वी सुधाप्रभाजी ने कहा- साध्वीप्रमुखाश्रीजी ने अपने जीवन में जीएसटी लागू कर रखी थी, अर्थात् गुड थिंकिग, सिंपल लिंविग एवं टाईम मैनेजमेंट। साध्वी प्रमुखाश्रीजी की सोच अच्छी व ऊंची थी, उनका जीवन सादगीपूर्ण था और उनका समय प्रबंधन गजब का था।
साध्वी समत्वयशाजी ने सुमधुर गीत के द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की। साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने मंच संचालन करते हुए कहा- वात्सल्य की गंगोत्री का नाम है शासनमाता। प्रतिभा, प्रेरणा व पुरूषार्थ के संगम स्थल का नाम है- शासनमाता। तेयुप अध्यक्ष गौतम गोलछा, टीपीएफ अध्यक्ष राकेश जैन, नार्थ जोन टीपीएफ के अध्यक्ष विजय नाहटा, तेरापंथ महिला मंडल उपाध्यक्ष सूर्यकांता बैद ने अपने भावों की प्रस्तुति दी। तेरापंथ महिला मंडल की बहिनों ने मंगल संगान किया।