भगवान महावीर जन्म कल्याणक दिवस  पर िवभिन्न कार्यक्रम

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भगवान महावीर जन्म कल्याणक दिवस पर िवभिन्न कार्यक्रम

भगवान महावीर के 2623 वें जन्म कल्याण को तेरापंथ भवन सिटी लाइट में आचार्यश्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि उदित कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा सूरत के तत्वावधान में शानदार ढंग से मनाया गया। इस अवसर पर उपस्थित विशाल जनमेदिनी को मुनि उदितकुमार जी ने कहा- भगवान महावीर एक अलौकिक दिव्य पुरुष थे। जिस प्रकार वचन में सर्वोत्तम सत्य वचन है, दान में सर्वोत्तम अभयदान है उसी प्रकार से संसार के सभी मनुष्यों में सर्वोत्तम ज्ञातपुत्र वर्धमान महावीर हैं। आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व का समय जातिवाद का समय था। जाति-जाति के बीच भेदभाव किया जाता था। कुछ लोगों को शुद्र यानि नीची जाति का एवं अस्पृश्य माना जाता था। उस समय दास प्रथा अस्तित्व में थी। स्त्रियों और पुरुषों को गुलाम के रूप में बेचा जाता था। ऐसे घोर अंधकार के युग में भगवान महावीर ने प्रकाश की मशाल जलाई। उन्होंने जाति प्रथा, दास प्रथा, पशु बलि की कुप्रथा आदि पर सख्त प्रहार किया। स्त्रियों को समान अधिकार दिलाने का अभियान चलाया।
मुनिश्री ने आगे कहा- भगवान महावीर ने अहिंसा, अनेकांत एवं अपरिग्रह की त्रिवेणी बहाई। उन्होंने अन्य के साथ युद्ध करने के स्थान पर स्वयं के साथ युद्ध करने की एवं अपने भीतर के क्रोध, मान, माया, अहंकार, ईर्ष्या, लोभ आदि को समाप्त करने का बोध दिया। वर्तमान में हमारे विश्व में जितनी भी समस्याएं हैं उन सभी समस्याओं का समाधान आज भी भगवान महावीर के सिद्धांतों को अपनाने से हो सकता है। मुनिश्री ने तेरापंथ भवन सिटी लाइट में आयोजित प्रेक्षाध्यान शिविर में प्रशिक्षण प्राप्त करने की प्रेरणा दी। पूज्य आचार्यश्री महाश्रमण जी का आगामी चातुर्मास सूरत में है, उसे त्याग, तपस्या, ज्ञानार्जन एवं ध्यान साधना द्वारा सफल एवं ऐतिहासिक बनाने का उन्होंने आह्वान किया। ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा भगवान महावीर के सिद्धांतों पर आधारित रोचक परिसंवाद की प्रस्तुति की गई। मुनि रम्यकुमार जी एवं मुनि ज्योतिर्मय कुमार जी ने भी प्रासंगिक वक्तव्य दिया। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथी सभा सूरत के मंत्री मुकेश बैद ने किया।