भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस पर िवभिन्न आयोजन
तमिलनाडु के चिदम्बरम शहर के श्री महावीर जैन भवन में युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि दीप कुमार जी के सान्निध्य में ‘रामनवमी एवं 265वां भिक्षु’ अभिनिष्क्रमण दिवस का आयोजन हुआ। मुनि दीपकुमार जी ने कहा- श्रीराम भारतीय संस्कृति के आदर्श पुरुष हैं। जनता में जितना पूजनीय नाम श्रीराम का है उतना अन्य महापुरुषों का कम दिखाई देता है। श्रीराम का दृष्टिकोण सम्यक् था। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों को भी अनुकूल रूप में ग्रहण किया था। उनके जीवन में वनवास का प्रसंग बहुत ही रोमांचकारी है। मुनिश्री ने आगे कहा- आचार्यश्री भिक्षु क्रान्तिकारी महापुरुष थे। उन्होंने विचार क्रान्ति को माध्यम बनाकर आचार क्रांति की थी। उनके जीवन में बहुत कष्ट आए पर उनका समभाव खंडित नहीं हुआ। 5 वर्ष तक पूरा आहार-पानी भी उपलब्ध नहीं हुआ तो भी वे घबराएं नहीं। वे महावीर वाणी के प्रति पूर्ण समर्पित थे। उनमें सिद्धांतनिष्ठा की भावना थी। मुनि काव्यकुमार जी ने कहा- आचार्य भिक्षु में धैर्य की शक्ति थी। प्रतिकूलताओं में भी उनका धैर्य डगमगाया नहीं।