गुरु ने अपना बनाके मुझको मुस्कुराना सिखा दिया

गुरु ने अपना बनाके मुझको मुस्कुराना सिखा दिया

गुरु ने अपना बनाके मुझको मुस्कुराना सिखा दिया,
अंधेरे घर में चिराग जैसे जगमगाना सिखा दिया।
जगत के कर्मो में बंधा था सारा ही बंधन छुड़ा दिया,
भेदभाव की दृष्टि मिटा कर, अर्हम् अर्हम् सिखा दिया।।
- अनूप कुमार दूगड़