केंद्रीय संस्थाओं की ओर से भावपूर्ण अभिवंदना स्वर

केंद्रीय संस्थाओं की ओर से भावपूर्ण अभिवंदना स्वर

महातपस्वी, महामनस्वी, शांतिदूत, युगप्रधान परमपूज्य आचार्य श्री महाश्रमणजी का जीवन अप्रमत्त, श्रमशील, साधनाशील है। आचार्यश्री महाश्रमणजी एक महान आध्यात्मिक व्यक्तित्व, समाज सुधारक और विचारक हैं। आचार्य प्रवर ने अहिंसा की प्रलम्ब यात्रा कर जन-जन को नैतिकता, सद्भावना और नशामुक्ति का संदेश दिया। उन्होंने एक करोड़ से अधिक लोगों को नशामुक्ति के संकल्प कराकर समाज व राष्ट्र के आंतरिक रूपान्तरण का पथ प्रशस्त किया है। वे सामाजिक विकास के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं। नैतिक मूल्यों के विकास, सांप्रदायिक सौहार्द तथा अहिंसक चेतना के जागरण के लिए समर्पित परम श्रद्धेय आचार्यश्री महाश्रमणजी के श्रीचरणों में आचार्यप्रवर के 50वें दीक्षा दिवस के मंगल अवसर पर सम्पूर्ण तेरापंथ श्रावक समाज तथा महासभा परिवार की ओर से युगप्रधान आचार्यप्रवर की अभिवंदना करते हैं, नमन करते हैं। आचार्य प्रवर चिरायु हों, निरामय रहें और जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ चिरकाल तक उनके सुपावन कुशल नेतृत्व में निरन्तर उन्नति करता रहे।