गण में दीवाली आई
आई रे आई रे शुभ घड़ी आई, गण में दीवाली आई।
भाई मन भाई सगला रे मन भाई श्रमणी सरदार भाई।।
मंगल गावां सति शेखरे आज बधावां।
ल्यो स्वीकारो भावांजलियां झुक-झुक शीश नमावां।
दसूं दिशावां आज विरुदावै, बाजै है यश शहनाई।।
आभारी श्रमणी परिकर प्रभुवर रो।
मनोनयन साध्वीप्रमुखा रो हरख्यो हर मनड़ो।
चयन हुयो ओ मनहर विभुवर भाग्यलता विकसाई।।
दिल दरियो ओ हर्ष हिलोरा खावै।
सक्षम प्रमुखा पाकर सारो साध्वी गण मुस्कावै।
उजली-उजली किरणां थांरी गौरव गाथा सुणावै।।
श्री सरदार नवल सहित जेठा कानकुमारी।
झमकू लाडां कनकप्रभा जी सगला स्यूं न्यारी।
विश्रुत विभा नवमें पाट विराजै, जागी गण री पुण्याई।।
लय - कांची रे कांची