मनुष्य के वर्तमान जीवन शैली में धन और धर्म का संतुलन जरूरी

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मनुष्य के वर्तमान जीवन शैली में धन और धर्म का संतुलन जरूरी

साध्वी सिद्धप्रभा जी का तुमकुर रोड स्थित भिक्षु धाम में मंगल पदार्पण हुआ। अभातेयुप निर्देशित व्यक्तिव विकास कार्यशाला ‘धन और धर्म’ पर साध्वी सिद्धप्रभा जी ने श्रावक जीवन में धन को अर्जन करने में प्रमाणिकता रखने की प्रेरणा दी। धर्म ज्ञान, दर्शन और तप की निष्पति है। संयममय जीवन धन और धर्म के मर्म में संतुलन कर सकता है। साध्वी आस्थाप्रभाजी ने गीतिका के माध्यम से कार्यशाला में उपस्थित लोगों को प्रेरणा प्रदान की।
साध्वी मलययशाजी ने कहानी के माध्यम से सुखी जीवन में संतोष का महत्व बताया। साध्वी दीक्षाप्रभाजी ने जरूरत, आराम और विलासिता में फर्क बताते हुए विलासिता को छोड़ने की प्रेरणा दी। परिषद अध्यक्ष राकेश पोखरणा ने सभी का स्वागत किया। इस अवसर पर अभातेयुप परिवार से राकेश दक, विकास बांठिया, प्रबंध मंडल, कार्यकारिणी सदस्य, स्थानीय संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मंत्री कमलेश चोपड़ा ने किया। आभार सहमंत्री संजय भटेवरा ने किया। सभा अध्यक्ष प्रकाश गांधी, महिला मंडल अध्यक्ष मंजू गादिया, कोठारी और गादिया परिवार के सदस्यों ने साध्वी सिद्धप्रभा जी के भिक्षु धाम, बैंगलोर पहुंचने पर अभिनंदन किया। स्वागत कार्यक्रम का संचालन महिला मंडल उपाध्यक्षा सुमित्रा बरडिया ने किया।