भगवान महावीर जन्म कल्याणक दिवस पर िवभिन्न कार्यक्रम

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भगवान महावीर जन्म कल्याणक दिवस पर िवभिन्न कार्यक्रम

राज विराज (नेपाल) में आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी स्वर्णरेखाजी के सान्निध्य में 2623 वीं महावीर जयंती का आयोजन किया गया। साध्वीश्री ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा - आज भगवान महावीर की जन्म जयंती मनाई जा रही है, जन्म-जयंती उन्हीं की मनाई जाती है जिनका जीवन जय प्रधान होता है, जो दुनिया से अंजली बन कर लेता है एवं दुनिया को दरिया बनकर देता है। भगवान महावीर परम पुरुषार्थी थे, समन्वय में उनकी आस्था थी। आत्मवाद, लोकवाद, क्रियावाद आदि उनके सिद्धांत थे। वे समता के प्रतीक थे इसलिए साधनाकाल में आये उपद्रवों एवं परीषहों को वाटरप्रुफ बनकर झेला, चंडकौशिक एवं गौशालक की क्रोधाग्नि के सम्मुख फायरप्रुफ बन गए, गाली जैसे अनर्गल शब्दों को साउंडप्रुफ बनकर सहन किया, मौसम के हर थपेड़ों को एयरप्रूफ बनकर सहजता से झेल लिया। ऐसे वीर के पास मनोबल की शक्ति, कायबल की शक्ति, वचन बल की शक्ति अद्वितीय थी। साध्वीश्री ने नेपाली भाषा में महावीर का अभिवंदन कर उपस्थित जनमेदिनी को हर्ष-विभोर कर दिया। साध्वी स्वस्तिकाश्रीजी, साध्वी सुधांशुप्रभाजी, साध्वी गौतमयशा जी ने महावीर बैंक ऑफ़ वर्ल्ड कार्यक्रम प्रस्तुत किया। मानव अधिकार कर्मी मनोहर ने अपने भावों की अभिव्यक्ति नेपाली भाषा में दी। स्थानीय युवक परिषद्, महिला मंडल, कन्या मंडल ने अपनी अलग-अलग प्रस्तुति दी। सभा के पूर्वाध्यक्ष थारमल भंसाली, मंत्री मनीष दुगड़, विजय कुचेरिया आदि ने अपनी भावना वक्तव्य एवं गीत के माध्यम से रखीं। कार्यक्रम का प्रारंभ ज्ञानशाला के नन्हें-बच्चों के मंगल संगान से हुआ तथा संचालन नीलम कुचेरिया ने किया।