आचार्यश्री महाप्रज्ञ महाप्रयाण दिवस पर चारित्रात्माओं के उद्गार

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आचार्यश्री महाप्रज्ञ महाप्रयाण दिवस पर चारित्रात्माओं के उद्गार

'शासनश्री' साध्वी सत्यप्रभा जी के सान्निध्य में आचार्य महाप्रज्ञ का 15 वां महाप्रयाण दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत नमस्कार महामंत्र से हुई। ज्ञानशाला की बालिकाओं ने मंगलाचरण किया। तेरापंथ महिला मंडल ने गीत द्वारा अभिवंदना की। 'शासनश्री' साध्वी सत्यप्रभा जी ने कहा कि जिस तरह भिक्षु भारमल की जोड़ी थी उसी तरह आचार्य तुलसी व आचार्य महाप्रज्ञ की जोड़ी थी। वे बड़ी उम्र में आचार्य पद पर नियुक्त होने वाले प्रथम आचार्य बने। अपने जीवन काल में उन्होंने अपनी आत्म कथा लिखाई, उन्होंने संघ को अनेकों आयाम दिए। महाप्रज्ञ स्वभाव के जितने सरल थे, उतने ही प्रकांड विद्वान भी थे। साध्वी ध्यानप्रभाजी, साध्वी श्रुतप्रभाजी एवं साध्वी यशस्वीप्रभाजी ने आचार्य महाप्रज्ञजी के व्यक्तित्व पर अपने विचार व्यक्त किए। विभिन्न संस्थाओं की ओर से लोगों ने आचार्य महाप्रज्ञ जी के प्रति अपने श्रद्धा भाव समर्पित किए। कार्यक्रम का सफल संचालन सभा मंत्री कांतिलाल ढ़ेलडिया ने किया।