आचार्यश्री महाप्रज्ञ महाप्रयाण दिवस पर चारित्रात्माओं के उद्गार

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आचार्यश्री महाप्रज्ञ महाप्रयाण दिवस पर चारित्रात्माओं के उद्गार

'शासनश्री' साध्वी विद्यावती जी ‘द्वितीय’ के सानिध्य में आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी का 15 वां महाप्रयाण दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ साध्वीश्री जी के नमस्कार महामंत्र द्वारा हुआ। साध्वीश्री जी द्वारा ‘ॐ श्री महाप्रज्ञ गुरवे नमः’ मंत्र का जप करवाया गया। मंगलाचरण सुमन नाहटा ने किया। तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा विभा श्रीमाल ने भावांजलि अर्पित की। महिला मंडल ने सुंदर गीतिका प्रस्तुत की। साध्वी प्रियंवदा जी ने कहा- आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी महान दार्शनिक, मूर्धन्य साहित्यकार, कुशल लेखक एवं न्याय, दर्शन, व्याकरण, ज्योतिष, आयुर्वेद, आगम आदि विषयों के ज्ञाता विज्ञाता थे। आगम संपादन, प्रेक्षाध्यान एवं जीवन विज्ञान उनके अमूल्य अवदान थे। महाप्रज्ञजी का व्यक्तित्व असाधारण एवं अनुपमेय था। साध्वी ऋद्धियशा जी ने कविता द्वारा, साध्वी प्रेरणाश्री जी ने सुंदर गीतिका द्वारा दशमाधिशास्ता को भावांजलि समर्पित की। सभाध्यक्ष पारसमल दुगड़ ने आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के अवदानों पर प्रकाश डालते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए। युवक परिषद अध्यक्ष नवनीत जैन, शांतिलाल कोठारी, निर्मला नौलखा आदि ने अपने विचार रखे। मंच संचालन साध्वी मृदुयशा जी ने किया।