अक्षय तृतीया दिवस पर आयोजित िवभिन्न कार्यक्रम

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अक्षय तृतीया दिवस पर आयोजित िवभिन्न कार्यक्रम

तीर्थंकर के प्रतिनिधि ग्यारहवें अनुशास्ता युगप्रधान आचार्य महाश्रमण की सुशिष्या शासनश्री साध्वी धनश्री जी के सान्निध्य में अक्षय तृतीया का कार्यक्रम तेरापंथ भवन गुलाबबाड़ी में तेरापंथ सभा के तत्वावधान में मनाया गया। शासनश्री ने कहा- तीर्थंकर परम्परा में भगवान ऋषभ सर्वोत्कृष्ट और सुदीर्घ तपस्वी बनें। भगवान ऋषभ एक वर्ष तक अन्न और जल बिना रहे पौत्र श्रेयांस द्वारा इक्षु रस का पारणा करवाया। तपस्या का अपना महत्व है, तपस्या एक औषधि है इससे कर्मो का निर्जरण होता है। अनेक दृष्टांतों द्वारा तपस्या का महत्त्च बताते हुए शासनश्री ने दोनों तपस्वी साध्वियों के प्रति मंगल भावना व्यक्त करते हुए उन्हें तपस्या में और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर मंगलाचरण महिला मंडल द्वारा किया गया। तपस्वी साध्वी शीलयशा जी ने अपने विचार व्यक्त किए। परिवारिक जनों ने अपना मंगल भावना भाषण, गीत आदि के द्वारा व्यक्त किए। साध्वी विदितप्रभा जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए तपस्या की अनुमोदन की। सभा के अध्यक्ष व मंत्री एवं अणुव्रत समिति के मंत्र, सभा के पूर्वअध्यक्ष रतनलाल जैन आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन साध्वी सलिलयशा जी ने िकया। दिल्ली से समागत लालचंद दुगड़, कनक दुगड़, सूरत से समागत चेतन चोरड़िया, जयपुर से समागत, प्रेमबाई मेहता आदि ने भी अपने विचार व्यकत किए।