महक उठा मधुवन

महक उठा मधुवन

मनोनयन का मंगल अवसर, महक उठा मधुवन,
साध्वीप्रमुखा चयन तुम्हारा, प्रमुदित श्रमणी गण।
सजाते भावों का गुलशन, सभी मिल करते वर्धापन।।
ममतामयी छवि प्यारी, तुमसे जुड़ जाती इकतारी,
मिले प्रेरणा प्रोत्साहन, सन्निधि लगती मनहारी,
जपाराधना, आत्मसाधना, त्याग तपोबल वरदायी,
ध्रुवयोगों में सतत सजगता, अप्रमत्तता फलदायी,
जीवन का हर पल ऊर्जस्वल, आकर्षक है आभामंडल,
गुरुत्रयी की कृपा निराली, पाया नम्बर वन।।
संयम की सौरभ से सुरभित, अमल धवल आचार है,
निर्मल निर्झर सम उज्जवलतर, मधुर-मधुर व्यवहार है,
ज्ञानाराधना चले निरन्तर, वर स्वाध्याय सुधारस पान,
चिंतन, मंथन और प्रशिक्षण, करते आगम अनुसंधान,
आरोग्य वरो शुभ श्रेयस्कर, यशगाथा गूंजे मुख-मुख पर,
शीतल छांव तले हम करते जाएं आरोहण।।
लय – लाल दुपट्टा उड़ गया रे