सौभागी हैं हम सारे

सौभागी हैं हम सारे

सौभागी हैं हम सारे, जागे हैं भाग्य सितारे,
भैक्षव शासन रखवारे, चरणों में जीवन वारें,
गुरुवर तो हमारे प्यारे हैं, जीवन के सहारे हैं।।
भी. भा. रा. ज. म. मा. थे, तेरापंथ सितारे,
डालिम, कालू, तुलसी, महाप्रज्ञ मन हारे।
अब महाश्रमण का साया, भाग्यों से तुमको पाया,
झूमर नेमा का जाया, जन-जन के मन को भाया।।
एकादशमाधिशास्ता, महाश्रमण अनुशास्ता,
विनय नम्रता से हुए, दीक्षित बाल्यावस्था।
मोहन से मुदित बने तुम, संघ के सिरताज बने तुम,
हम सब के नाथ बने तुम, गण के सिरमौर बने तुम।।
पिता झूमरमलजी, नेमादेवी माता,
सुद नवमी वैशाखे, दूगड़ कुल मुस्काता।
शैशव में संयम धारा, तोड़ी कर्मों की कारा,
तुलसी गुरुवर का प्यारा, चमका बनकर ध्रुवतारा।।
गुरु तुलसी ने परखा, कोहिनूर हीरा,
महाप्रज्ञ पट्टधारी, महाश्रमण गंभीरा।
अनुशासित जीवन शैली, सुलझे गुत्थी या पहेली,
मस्ती तेरी अलबेली, सीधी है प्रवचन शैली।।
अर्धशताब्दी आई, सबमें खुशियां छाई,
अमृृत महोत्सव दीक्षा की, बाजी है शहनाई।
जीओ तुम वर्ष हजारों, मंगल भावों को स्वीकारों,
हम सबकी नैय्या तारो, भव-भव से पार उतारो।।