अंक ज्योतिष में आचार्य महाश्रमण

अंक ज्योतिष में आचार्य महाश्रमण

अंक ज्योतिष में अंकों का विशेष स्थान होता है। इस विद्या में खासतौर से गणित के कुछ नियमों का प्रयोग कर जीवन के विभिन्न पहलुओं का आकलन किया जाता है। आचार्य महाश्रमण जी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। अंक शास्त्र के अनुसार आपके प्रभावशाली जीवन में अंकों के असर की छोटी सी झलक प्रस्तुत की जा रही है।
1. 4- अंक 4 स्थिरता दर्शाता है।आचार्यश्री महाश्रमण जी स्थिरयोगी हैं, घंटों-घंटों बिना सहारे एक ही मुद्रा में विराजते हैं। आपश्री का हर कार्य धैर्य युक्त होता है, चाहे कोई व्यवस्था करनी हो, निर्णय देना हो या किसी को सुनना हो।
2. 99-अंक 9 प्रसिद्धि का सूचक है। आपश्री ने लम्बी-लम्बी पदयात्रा कर तेरापंथ धर्म संघ की ख्याति को और ऊंचा किया है। जब से आप पाट विराजे हैं न जाने कितने-कितने कीर्तिमान आपने स्थापित किए हैं। आचार्यश्री भिक्षु से लेकर वर्तमान तक का इतिहास देखा जाए तो अब तक की अपूर्व घटना है कि आचार्यश्री ने 47 किमी का प्रलम्ब विहार कर शासनमाता को दर्शन दिए। एक ओर शासनमाता वंदना कर रही थी तो दूसरी और आचार्य प्रवर भूमि पर विराज कर वन्दना कर रहे थे। यात्रा के दौरान आचार्य प्रवर का अनेकों नेता-अभिनेताओं, धर्मगुरुओं, विशिष्ट विभूतियों से मिलना हुआ जैसे महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, दलाई लामा, मोहनराव भागवत, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उद्धव ठाकरे आदि। जिस भी राज्य में आपका पदार्पण होता है वहां की सरकार आपको राजकीय अतिथि के सम्मान से सम्मानित करती है। आपकी प्रसिद्धि, यश, कीर्ति दिन-दुनी रात-चौगुनी बढ़ती जाए।
3. 22-अंक 2 संवेदनशीलता व भावुकता का प्रतीक है। आपश्री की संवेदनशीलता तो विश्व प्रसिद्ध है। आपश्री के चरणों में आने वाला अपना दु:ख भूल जाता है। आपका दर्शन व्यक्ति में नई उमंग, नया उत्साह, नई प्रेरणा भर देता है। साधु-साध्वियां ही नहीं, श्रावक-श्राविकाओं का भी आप पूर्ण ध्यान रखते हैं। मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक कोई भी रोगी हो आप अपने अमृत वचनों, मंगलपाठ व मंत्र से निरोगता का वर देते हैं। आप यदि किसी के बारे कोई घटना सुनते हैं तो इतने भावुक हो जाते हैं, मानो उनकी पीड़ा आपकी पीड़ा हो।
4. 3 जिसके 3 अंक होता है उसका भाग्य खिला रहता है। उस पर गुरु की कृपा अच्छी होती है। आप पर दो-दो गुरुओं की असीम कृपा रही है। आपको 10 आचार्यों की सम्पदा प्राप्त है। आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी ने आपको पाकर निश्चिंतता का अनुभव किया, अपने आसन पर आपको बिठाया। आचार्यश्री तुलसी ने आपको खूब आगे बढ़ाया और आपके जीवन को धर्म संघ के लिए आदर्श रूप प्रदान किया। आचार्यश्री तुलसी के शब्दों में- ‘साधु हो तो महाश्रमण जैसा’।
5. जिस व्यक्ति के 5 अंक होता है उसके व्यक्तित्व का एक गुण केयरिंग स्वभाव होता है। हम सब यह अनुभव करते है कि आप छोटे से छोटे या बड़े से बड़े संत हो या सतियां सबका ध्यान रखते हैं। सबको ध्यान से सुनते हैं, हर बात पर ध्यान दिलाते हैं। कोई पास हो या दूर आपके लिए सब समान हैं। आप इतने बड़े धर्म संघ का सकुशल सञ्चालन करते हैं जो सबको समाधि प्रदान करता है।
6. 11 वार्तालाप। जिस के 11 अंक आता है वह व्यक्ति दूसरों से संवाद करता है। हम देख रहे हैं आप स्वयं पांव-पांव चलकर जनोद्धार के लिए देश-विदेश पधारे। जिस व्यक्ति के मन में दूसरों को तारने की
भावना होती है, वही यह महाश्रम का पथ चुनता है।
आज के इस डिजिटल युग में क्या संभव नहीं है, आप एक स्थान में रहकर भी प्रवचन करवा सकते हैं, उपदेश दे सकते हैं। परन्तु आप ने स्वयं दूसरों से साक्षात् संवाद स्थापित करने का लक्ष्य बनाया। आप फरमाते हैं कि जो जुड़ाव साक्षात् मिलन से होता है वह दूर के संवाद से नहीं हो सकता।
7. 6 सही राय देना, लक्ज़री। 6 अंक वाला व्यक्ति लक्ज़री लाइफ जीता है। तेरापंथ का आचार्य बिना पुण्य नहीं बना जा सकता है। आपने एक बार फरमाया था कि और आचार्यों को देखे तो उनके साथ कम संत होते हैं, कभी उन्हें अपना बोझ भी स्वयं लेना होता है, गोचरी भी जाना पड़ सकता है, पर तेरापंथ के आचार्यों की ओर देखें तो संत आस-पास सेवा में हरदम उपस्थित रहते हैं। बोझ भी संत ले लेते हैं, सहारा देते हैं, चरण पखारते हैं, पानी पिलाते हैं।
8. 4 99 22 - यह लाइन बुद्धि को दर्शाती है। आपकी बुद्धि बेजोड़ है। हर प्रश्नकर्ता की समस्या का समाधान आपके पास है। हर संशय का निराकरण आप बड़े सुंदर तरीके से करते हैं। कोई बात किसी को समझानी हो तो आपके पास नए-नए दृष्टांत तैयार रहते हैं। हर प्रश्न का उत्तर आप इस तरह दिराते हैं जिससे बात सामने वाले के गले उतर जाए। आपके दृष्टांतो को सुनकर ऐसा अनुभव होता है मानो आचार्यश्री भिक्षु व जयाचार्य स्वयं अवतरित हुए हैं।
9. 9 5 11 संकल्प शक्ति: यह लाइन व्यक्ति के विल पॉवर को दर्शाती है। आचार्यश्री महाश्रमण को कोई रोक नहीं सकता, कोई जीत नहीं सकता, आपने अंहिसा यात्रा करवाई, देश-विदेश पधारे।
यदि उदाहरण खोजें तो स्मृति पटल पर काठमांडू का वह भूकम्प उभर आता है। जहां मकान धराशायी हो रहे थे, पत्थर लुढ़क रहे थे, सारी जनता भयभीत हो रही थी। आपको भारत लौटने को कहा जा रहा था परन्तु आप अविचल रहे।
10. गोल्डन लाइन - यह बॉक्स भरने से हर कार्य अपने आप हो जाता है। एक सिद्धांत है- चिंतन, निर्णय, क्रियान्विति। आचार्यश्री महाश्रमण के जीवन में यह सिद्धांत पूरी तरह लागू होता है। आचार्यश्री महाश्रमण जो सोचते हैं, उसका निर्णय करते हैं और क्रियान्विति का रूप देकर जनता को लाभान्वित करते हैं।
11. 3 5 - यह लाइन हृदय की सूचक है। गीत में कहा गया 'तेरा दिल करुणा का दरिया सबके मन को भा गया'। आप अहिंसा के पुजारी हैं। अहिंसक वही हो सकता है जो करुणावान हो। आप परम पापभीरू हैं। आप एक चींटी के प्रति भी पूर्ण जागरुक रहते हैं। यदि कहीं चींटी, कीड़े-मकोड़े होते है तो दूसरों को भी सचेत कर देते हैं कि कही हिंसा का दोष न लग जाय।
12. 1 1 6 यह लाइन श्रम की सूचक है। सन 2001 में श्रीडूंगरगढ़ में आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी ने आचार्यश्री महाश्रमण जी के लिए कहा - ‘आचार्यश्री भिक्षु ने आचार्यश्री भारमल जी से कहा- भारमल। तुम भाग्यशाली हो, तुम्हें हेमड़ा मिल गया। संभवतः आज आचार्य भिक्षु मुझे भी कह रहे होंगे- महाप्रज्ञ। तुम भी भाग्यशाली हो, तुम्हें भी महाश्रमण के रूप में हेमड़ा मिल गया।' आपके कर्तृत्व की यशोगाथा सर्वत्र दिखाई देती है। आपका जीवन हर पल हर क्षण श्रम की प्रेरणा देता है।