कर्ममल साफ हुए बिना आत्मा में चमक नहीं आती
तेरापंथ भवन शास्त्री नगर में 'शासनश्री' साध्वी ललितप्रभाजी ठाणा-3 के सान्निध्य में आयोजित वर्षीतप अभिनन्दन समारोह में तपस्विनी बहन कंचनदेवी गोलछा का अभिनन्दन किया गया। साध्वीश्री ने कहा- धर्म का मार्ग है अहिंसा, संयम और तप। तप ही कर्ममल धोने का साधन है। जिस प्रकार अग्नि में तपे बिना सोने में चमक नहीं आती, ठीक वैसे ही कर्ममल साफ हुए बिना आत्मा में चमक नहीं आती। हम तप के तेज से जीवन को निखारें। साध्वी अमितश्रीजी ने कहा- मनोबली व्यक्ति ही तप में आगे बढ़ सकता है। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री के महामंत्रोच्चारण द्वारा हुआ। प्रवीण गोलछा ने तपस्विनी कंचनदेवी गोलछा का परिचय एवं स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। दिल्ली सभा संरक्षक मिलाप बोथरा, सभा अध्यक्ष संजय सुराणा, साधुमार्गी संघ के कविन्द्र छाजेड़, मध्य दिल्ली महिला मंडल अध्यक्षा दीपिका छल्लाणी, तेयुप शास्त्री नगर के सह संयोजक अमित बेंगानी, लीला गोलच्छा एवं उर्मिला संचेती ने तप अनुमोदन में अपने विचार प्रस्तुत किए। महिला मंडल, भिक्षु भजन मंडल, ज्ञानशाला प्रशिक्षिका, गोलछा परिवार, काशीद राजेश द्वारा तप अभिनन्दन गीतों की प्रस्तुति दी गयी। आभार ज्ञापन राजा कोठारी एवं कार्यक्रम का संचालन साध्वी कर्तव्ययशाजी ने किया।