युगनायक युगपुरुष तुम्हें वंदन है

युगनायक युगपुरुष तुम्हें वंदन है

वंदन युगनायक युगपुरुष तुम्हें वंदन है।
युगप्रधान ज्योतिर्धर अभिवंदन है।।
जय जय ज्योतिचरण उतरे हैं धरा धाम बन महाश्रमण।
ज्ञान मयूरी पंख पसारे हृदयधाम है समवशरण।
नादयोग! ऊर्जा आलय! वंदन है।।
कंचन काया में अधिवासित शाश्वत ज्योतिर्मय संन्यास।
नर में नारायण संभावित सच कर दिखलाया विन्यास।
भगवत्ता अधिरूप, भूप! वंदन है।।
करें कामना संघ-संपदा बढे निरामय हों सरताज।
वर्धापन मंगल वेला में उत्सवमय हर दिशि है आज।
शिवसुख सम्मुख प्राण प्रणत वंदन है।।