आचार्यश्री महाश्रमण जी के दीक्षा कल्याण वर्ष की सम्पन्नता पर िवविध आयोजन

संस्थाएं

आचार्यश्री महाश्रमण जी के दीक्षा कल्याण वर्ष की सम्पन्नता पर िवविध आयोजन

तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी के जन्मोत्सव के अवसर पर साध्वी जयंतयशाजी ने आचार्यश्री महाश्रमणजी के जन्म से लेकर दीक्षा तक के प्रसंगों को सरसता से व्याख्यायित किया। साध्वी कुलप्रभाजी ने कविता, साध्वी खुशीप्रभाजी, साध्वी किरणमालाजी, 'शासनश्री' साध्वी साधनाश्रीजी, 'शासनश्री' साध्वी विमलप्रभाजी ने गीतिका के माध्यम से अपने आराध्य की आराधना की। केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी कार्तिकयशाजी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि आचार्य प्रवर की अभिवंदना हर व्यक्ति प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से करना चाहता है। गुरुदेव का व्यक्तित्व विलक्षण है, वे महातपस्वी, महायशस्वी साधक पुरुष हैं। इस अवसर पर नूतन बैंगानी एवं शिखा बैद ने अपनी अभिव्यक्ति दी। महिला मंडल ने सुमधुर गीतिका से कार्यक्रम का मंगलाचरण किया।