आचार्यश्री महाश्रमण एक कीर्तिधर आचार्य

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आचार्यश्री महाश्रमण एक कीर्तिधर आचार्य

शालीमार बाग, नई दिल्ली। शालीमार बाग के गोयल भवन में आचार्यश्री महाश्रमणजी के दीक्षा कल्याणक महोत्सव पर 'शासनश्री' साध्वी रतनश्रीजी ने आचार्य अभिवंदना में अपनी भावाभिव्यक्ति करते हुए कहा- आप एक कीर्तिधर आचार्य हैं। आपने तेरापंथ धर्मसंघ में नये-नये की कीर्तिमान स्थापित किये हैं, जिनकी तालिका बहुत लंबी है। दिल्ली के लाल किले से प्रारंभ हुयी यात्रा का दिल्ली में ही समापन, जिसमें 3 देश 20 राज्य 19 हजार किलोमीटर की यात्रा से कुछ अधिक, 1 करोड़ व्यक्तियों को नशा मुक्त बनाया, हजारों बौद्ध भिक्षुओं ने बौद्ध मंत्रों से अभिनंदन किया। ये तो केवल कुछ बिंदु हैं, समग्रता से बताऊं तो कई घंटों का समय चाहिए। मुझे कहते हुए गौरव की अनुभूति होती है ऐसे महान यशस्वी तेजस्वी आचार्य की अनुशासना हमें उपलब्ध है।
'शासनश्री' साध्वी सुमनप्रभाजी ने कहा - आपका जीवन विनम्रता, सहजता, सरलता, शालीनता, अनुशासन प्रियता का समवाय है। आपकी संघनिष्ठा, मर्यादा निष्ठा, आज्ञानिष्ठा, गुरुनिष्ठा अलौकिक है। साध्वीश्री कार्तिकप्रभाजी ने कहा कि आपका जीवन सम्पूर्ण मानवता की आशाओं का आलोक पुंज है। वीतरागता और स्थितप्रज्ञता की साकार प्रतिमा है। अनुकंपा की चेतना से ओत-प्रोत है। कार्यक्रम का शुभारंभ शालीमार बाग ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं ने मंगलगीत से किया। शास्त्रीनगर सभा अध्यक्ष संजय सुराणा ने आराध्य की स्तवना की। शालीमार बाग महिला मंडल ने एक भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया। पधारे हुए अतिथियों का स्वागत सज्जन देवी गिड़िया ने किया। कार्यक्रम का संचालन शालीमार बाग सभा के मंत्री अनिरूद्ध जैन ने किया।