दीक्षार्थिनी मंगल भावना समारोह

स्वाध्याय

दीक्षार्थिनी मंगल भावना समारोह

साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में समुदाय भवन के विशाल हॉल में तेरापंथी सभा, दिल्ली एवं शाहदरा के तत्त्वावधान में दीक्षार्थिनी बहन नुपूर बरडिया का मंगल भावना समारोह विशाल उपस्थिति में मनाया गया। साध्वी अणिमाश्रीजी ने अपने उद्बोधन में कहा- आज हम अपने चातुर्मासिक क्षेत्र में आए हैं। आज की यह विशाल उपस्थिति चातुर्मास काल की याद दिला रही है। शाहदरा सघन श्रद्धा भक्ति वाला क्षेत्र है। आज यहां पर संयम के रथ पर आरूढ़ बहन का मंगल भावना समारोह आयोजित है। साध्वीश्री जी ने कहा- दीक्षा भारतीय संस्कृति का महान उपक्रम है। दीक्षा सत्यम् शिवम् सुंदरम् का सोपान है। इस सोपान पर आरोहण वही व्यक्ति कर सकता है, जिसके भीतर साहस होता है। बहन नुपुर साहस के साथ संयम के कंटाकाकीर्ण पथ पर अग्रसर हो रही है। गुरु कृपा से यह पथ तुम्हारे लिए फूलों का राजमार्ग बन जाए। तुम हर पल, हर क्षण गुरुचरणों में समर्पित रहकर संयम जीवन यात्रा को ऊर्ध्वगामी बनाना। श्रावक समाज को सम्बोधित करते हुए कहा संयमी आत्मा को देखकर सबके भीतर संयममय भावों का वर्धन हो।
डॉ. साध्वी सुधाप्रभा जी ने सुन्दर भावों की प्रस्तुति देते हुए कहा दीक्षा वेश-परिवर्तन नहीं, हृदय परिवर्तन का नाम है। दीक्षा दिखावा नहीं, दर्शन है, प्रदर्शन नहीं, प्रयोग है। दीक्षा वो चिकित्सा पद्धति है जो व्यक्ति को आधि, उपाधि, व्याधि से मुक्त बनाकर समाधि प्रदान करती है। साध्वी समत्वथशा जी ने भावपूर्ण प्रस्तुति दी। साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने मंच का कुशल संचालन करते हुए कहा- आज इस प्रांगण में साध्वीश्री जी के पुनः पदार्पण पर नई रौनक आई है। दिल्ली सभा के महामंत्री प्रमोद घोड़ावत, अणुविभा सोसायटी के महामंत्री भीखमचन्द सुराणा, शाहदरा सभाध्यक्ष पन्नालाल बैद, ओसवाल समाज के अध्यक्ष आनंद बुच्चा, पूर्वी दिल्ली महिला मंडल अध्यक्षा सरोज सिपानी, दीक्षार्थी बहन के पिता सुभाष बरड़िया, माता कनक बरडिया, चाचा पवन बरड़िया आदि ने अपने भावों की प्रस्तुति दी। पारिवारिक बहनों ने मंगलभावना में सुंदर गीत की प्रस्तुति दी। पूर्वी दिल्ली महिला मंडल की बहनों ने गीत का संगान किया।