'शासनश्री' मुनिश्री हर्षलालजी स्वामी सेवा भावी और सूक्ष्म लिपिकार थे

'शासनश्री' मुनिश्री हर्षलालजी स्वामी सेवा भावी और सूक्ष्म लिपिकार थे

स्व. मुनि श्री हर्षलालजी स्वामी वर्तमान में तेरापंथ धर्मसंघ में दीक्षा पर्याय में सबसे बड़े संत थे। आचार्यश्री तुलसी, आचार्य श्री महाप्रज्ञजी की तरह आचार्यश्री महाश्रमणजी के कृपा पात्र थे। आचार्यश्री महाश्रमणजी ने आपको 'शासनश्री' अलंकरण से अलंकृत किया। दो वर्ष पूर्व भीलवाड़ा में आपको गुरुदेव की सेवा का भी शुभ अवसर प्राप्त हुआ। तेरापंथ धर्म संघ में सूक्ष्म अक्षरों में आपने कई ग्रंथ लिखे। मुनिश्री राकेश कुमारजी स्वामी की लंबे समय तक सेवा करके धर्म संघ की प्रभावना में सहयोगी बने। ऐसे सेवाभावी कर्तव्य परायण संतों से धर्म संघ की गरिमा महिमा बढ़ती है। उनकी सेवा में यशवंत मुनि को नियुक्त किया गया और उन्होंने भी मुनिश्री की खूब सेवा की। दिवंगत आत्मा के उत्तरोत्तर विकास की मंगल कामना।