सुखी जीवन का सूत्र है अणुव्रत

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सुखी जीवन का सूत्र है अणुव्रत

अणुव्रत विश्व भारती के तत्वावधान में अणुव्रत समिति गाजियाबाद ने अणुव्रत आचार संहिता पर आधारित ‘अणुव्रत काव्यधारा’ का केबीसी बैंक्वेट हॉल सूर्यनगर में भव्य आयोजन किया। अणुविभा के महामंत्री भीखमचंद सुराणा की मंगलकामनाओं से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। काव्यधारा का मुख्य आकर्षण गाजियाबाद जिला अधिकारी इंद्रविक्रम सिंह की उपस्थिति और उनका वक्तव्य था जिसे सुनकर सभी श्रोतागण व स्वयं कविगण भी गदगद हो गए। निगम पार्षद कृष्ण शशि खेमका, वन विभाग के अधिकारी विकास सिंटोरिया, अणुविभा की संगठन मंत्री डॉ कुसुम लुनिया, काव्यधारा के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. धनपत लुनिया व समाज के गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामय उपस्थिति रही। प्रियंका राय ने नारी जागृति पर, ओमप्रकाश कल्याणे ने हास्य व सुधा संजीवनी ने विविध विषयों पर काव्य पाठ किया।
गजेंद्र सोलंकी द्वारा महावीर स्तुति व अणुव्रत आचार संहिता पर आधारित रचनाओं एवं कीर्ति काले की अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री तुलसी के जीवन पर आधारित रचना से सभी लोग हर्ष विभोर हो गए। मंचीय कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ उपाध्यक्ष शरद वार्ष्णेय जी ने किया। अणुव्रत समिति सदस्यों द्वारा मंगलाचरण अणुव्रत गीत से किया गया। निकिता बेगवानी व रिद्धि अग्रवाल ने भी स्वरचित कविताएं पढी। अणुव्रत समिति की अध्यक्षा कुसुम हीरालाल सुराणा ने स्वागत वक्तव्य देते हुए और कहा सत्य, समता, शांति, शक्ति, सौहार्द, अहिंसा, सद्भावना, नैतिकता, ईमानदारी जैसे अनेक गुणों को गुरुदेव तुलसी ने एक सूत्र में बांध दिया, जिसे अणुव्रत आचार संहिता का नाम दिया गया। डॉ. कुसुम लुनिया ने अपने सारगर्भित वक्तव्य के साथ अणुव्रत आचार संहिता के तीन संकल्प इस मंच के माध्यम से परिषद को दिलवाए। कार्यक्रम के संयोजक हेमंत सुराणा और उनकी टीम का कार्यक्रम को सफल बनाने मे बहुत बड़ा योगदान रहा। सभी गणमान्य लोगों को मंत्री अनिल लुनिया, कोषाध्यक्ष महेंद्र घीया, वीरेंद्र आदि द्वारा स्वागत किया गया व कविगण और अर्थ सहयोगियों को अणुव्रत आचार संहिता का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया गया । आभार ज्ञापन उपाध्यक्ष विशाल संचेती ने किया।