आध्यात्मिक मिलन समारोह
साध्वी राकेश कुमारी जी एवं साध्वी डॉ. मंगलप्रज्ञा जी का आध्यात्मिक मिलन विलेपार्ले, गोयल भवन, मुंबई में हुआ। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए साध्वी राकेशकुमारी जी ने कहा- हमने परम पुण्योदय से जिनशासन और भिक्षुशासन पाया है। वर्तमान में आचार्यश्री महाश्रमणजी की यशस्वी शासना में हम साधना कर रहे हैं, आत्मविकास कर रहे हैं। आज दक्षिण यात्रा सम्पन्न कर, गुरुदर्शन, सेवा कर, आनंद लेकर साध्वी मंगलप्रज्ञाजी अपनी सहवर्तिनी साध्वियों का विलेपार्ले आगमन हुआ है। ये हमारे लिए गुरु-संदेश और श्रद्धेया साध्वीप्रमुखा जी
का संदेश लाई हैं। साध्वी मंगलप्रज्ञा जी एक प्रबुद्ध साध्वी हैं। इन्होंने समण श्रेणी में लम्बे समय तक रहकर देश-विदेश की अनेक यात्राएं की है। जैन विश्वभारती, युनिवर्सिटी में कुलपति के रूप में सेवाएं दी हैं। इनकी ज्ञान साधना भी उच्च-स्तरीय है। गुरु-त्रय की कृपा से अनेक संघ-प्रभावक कार्यक्रमों में तेरापंथ का प्रतिनिधित्व किया है। इनकी व्यवहार कुशलता, मिलनसारिता और विनम्रता भी अनुमोदनीय है। सहवर्तिनी साध्वियों के प्रति प्रमोद भाव मुखरित करते हुए साध्वी राकेशकुमारी जी ने कहा कि ऐसे मिलन महोत्सव हमारे भीतर प्रमोद भावाभिव्यक्ति के संस्कार प्रदान करते हैं। साध्वी सुदर्शनप्रभाजी, साध्वी राजुलप्रभाजी, साध्वी चैतन्यप्रभाजी, साध्वी शौर्यप्रभाजी ने भावपूर्ण गीत का संगान किया। साध्वी राकेशकुमारीजी, साध्वी मलयविभाजी, साध्वी अतुलयशाजी, साध्वी विपुलयशाजी और साध्वी चैतस्वीप्रभाजी ने स्वागत-स्वर व्यक्त किए। विलेपार्ले महिला मंडल ने मंगल संगान प्रस्तुत किया। मुंबई सभा मंत्री दीपक डागलिया, अरविंद कोठारी, रेखा कोठारी, अनिल बाफना नेसमा साध्वी वृंद का हार्दिक स्वागत किया। रेणू कोठारी ने सुमधुर स्वागत संगान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी विपुलयशा जी ने किया।