आचार्यश्री महाश्रमण जी के जन्मोत्सव एवं पट्टोत्सव पर विविध आयोजन
युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के 63वें जन्म दिवस पर अभिवन्दना समारोह एवं दीक्षार्थी मुमुक्षु नुपुर बरड़िया का मंगलभावना समारोह का आयोजन उत्तर हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा मुनि जिनेशकुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में किया गया। इस अवसर पर मुनि जिनेशकुमार जी ने कहा- आचार्यश्री महाश्रमणजी भारतीय संस्कृति के अनमोल रत्न हैं। वे जिनशासन के शिखर पुरुष व तेरापंथ धर्मसंघ के अधिशास्ता हैं। आज उनका 63वां जन्मदिन है। सामान्यतया व्यक्ति स्वयं ही अपना जन्मदिन मनाता है पर महापुरुषों का जन्मदिन सब मनाते हैं। आचार्यश्री महाश्रमणजी ने युग को नया चिंतन प्रदान किया है। क्योंकि आपके पास व्यक्ति, समाज और राष्ट्र को देखने वाली आंख है। आपके भीतर करुणा व परोपकार है। आपकी आभा निर्मल पवित्र है। आज आपके जन्मदिवस पर अभिवंदना कर मंगलकामना करते हैं कि आप युगों-युगों तक धर्मसंघ व मानव जाति को अपना पथदर्शन देते रहें। मुनि जिनेश कुमार जी आगे कहा- दीक्षा जीवन का सौभाग्य होता है। दीक्षार्थी बहन नुपुर बरड़िया संयम जीवन को ग्रहण करने हेतु तत्पर बनी है। तेरापंथ में दीक्षा का अर्थ है गुरु चरणों में अटूट समर्पण एवं अहंकार का विसर्जन। तुम दीक्षा ग्रहण कर गुरुदृष्टि की आराधना करते हुए अपने आत्मकल्याण के लक्ष्य को प्राप्त करो, ऐसी मंगलकामना करता हूं।
इस अवसर पर मुनि कुणालकुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। दीक्षार्थी बहन नुपुर बरड़िया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए वैराग्य का कारण मनुष्य जीवन की दुर्लभता को बतलाया। कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ कन्या मण्डल उत्तर हावड़ा के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण उत्तर हावड़ा सभा के अध्यक्ष राकेश संचेती ने दिया। इस अवसर पर अभातेयुप के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रतन दुगड़, कलकत्ता सभा के अध्यक्ष अजय भंसाली, महासभा कार्यकारिणी सदस्य लक्ष्मीपत बाफणा, दक्षिण हावड़ा सभा के मंत्री बसंत पटावरी, सुशील चोरड़िया, कनक बरड़िया, विद्या बांठिया, संपत सुराणा ने अपने भावों प्रस्तुति दी। आभार ज्ञापन सभा मंत्री सुरेन्द्र बोथरा ने किया। कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद जी ने किया।
इस अवसर पर मुनि जिनेशकुमार जी द्वारा रचित गीतों का फोल्डर 'गीत गुंजन' जुगराज बैद, प्रेमलता बैद व लक्ष्मी छाजेड़ द्वारा मुनिश्री को भेंट कर अनावरण किया गया।