आचार्यश्री महाश्रमण जी के जन्मोत्सव एवं पट्टोत्सव पर विविध आयोजन

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आचार्यश्री महाश्रमण जी के जन्मोत्सव एवं पट्टोत्सव पर विविध आयोजन

श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा गंगाशहर द्वारा मुनि श्रेयांशकुमारजी, साध्वी चरितार्थप्रभाजी एवं साध्वी प्रांजलप्रभाजी के सान्निध्य में आचार्य महाश्रमण पट्टोत्सव का आयोजन किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए मुनि श्रेयांशकुमारजी ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण में विनम्रता, विनय व भक्ति का विशिष्ट गुण है। वे रत्नाधिक साधुओं को बहुत सम्मान देते हैं। मुनिश्री ने आचार्य प्रवर की अभिवंदना में सुमधुर गीतिका का संगान किया। साध्वी चरितार्थप्रभाजी ने आज के दिन को विलक्षण बताते हुए कहा कि चतुर्थ आचार्य श्रीमद जयाचार्य ने पट्टोत्सव प्रारंभ किया। सरदारशहर में आज ही के दिन संवत 2067 में आपका आचार्य पद पर पदाभिषेक हुआ। आप निरंतर युग को दृष्टि प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुरुदेव में इतनी शक्तियां निहित है कि 14 वर्ष के अल्पकाल में ही आपने अनेकानेक कार्य कर सफलता पाई है। साथ्वी प्रांजलप्रभा जी ने युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के निर्णय शक्ति की अभिवंदना करते हुए कहा कि आचार्यश्री के निर्णय लेने की क्षमता बेजोड़ है। उनका निर्णय ही कार्य की सफलता का आधार है। उन्होंने आचार्यश्री महाश्रमण जी की संघ भक्ति, गुरु भक्ति, प्रशासनिक कौशल आदि के उदाहरण देते हुए आचार्य प्रवर की व्रत निष्ठा, संयम निष्ठा, नवाचार, अभय की साधना, नारी सम्मान, अहंकार-ममकार के त्याग आदि गुणों की विस्तृत व्याख्या की। साध्वीवृन्द ने सामूहिक गीतिका के माध्यम से अपनी अभिवंदना प्रस्तुत की। कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञानशाला के ज्ञानार्थी जयेश छाजेड़ द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से हुआ। कन्या मंडल ने गीतिका का संगान किया। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अमरचंद सोनी, महिला मंडल अध्यक्षा संजू लालाणी, तेरापंथ युवक परिषद् अध्यक्ष अरुण नाहटा ने अपने उद्गार व्यक्त किये। कार्यक्रम का सफल संचालन तेरापंथी सभा के मंत्री रतनलाल छलाणी ने किया।