भिक्षु विचार दर्शन  कार्यशाला का आयोजन

संस्थाएं

भिक्षु विचार दर्शन कार्यशाला का आयोजन

तेरापंथ युवक परिषद इंदौर द्वारा साध्वी रचनाश्रीजी के सान्निध्य में भिक्षु विचार दर्शन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साध्वीश्री ने कहा कि आज हम अपने घर में अपने घर की चर्चा करने हेतु उपस्थित हुए हैं। लेकिन आज उल्टा हो रहा है, व्यक्ति बाहर की चर्चा से ज्यादा परिचित हो रहा है। तेरापंथ अपना घर है, हम धर्मसंघ से जुड़कर अपना आध्यात्मिक विकास करें। आचार्य भिक्षु द्वारा की गई अभिनव क्रांति का नाम है तेरापंथ। आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी द्वारा रचित भिक्षु विचार दर्शन कृति का स्वाध्याय तेरापंथ की मौलिक मर्यादाओं को आत्मसात करने का सबसे अच्छा माध्यम है। साध्वीश्री ने आगे कहा कि वीतराग वाणी के अनुसार शुद्ध साधन से साध्य (मोक्ष) की प्राप्ति स्वत: ही हो जाती है। समता जब विषमता की और अग्रसर हो जाती है तो मानव धर्म से विमुख होने लगता है। भिक्षु दर्शन को समझाते हुए साध्वी वृंद द्वारा समूह गीत का संगान किया गया। साध्वी गीतार्थप्रभाजी ने कहा कि हमारा साध्वाचार सुदृढ़ हो, एवं श्रावक समाज को तेरापंथी होने का अपने आप में गौरव हो। आपके द्वारा तेरापंथ की मूल मर्यादाओं से संबंधित प्रश्नोत्तरी का भी संचालन किया गया। साध्वी प्राज्ञप्रभाजी ने आचार्य भिक्षु से संबंधित घटनाक्रमों का बहुत ही सुंदर विवेचन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के उपाध्यक्ष जयेश मेहता ने अपने वक्तव्य में कहा कि आचार्य भिक्षु को एक दिन में जान लेना अतिशयोक्ति होगी। गुरुओं की पुण्याई का लाभ श्रावक समाज को मिल रहा है। मंगल पाठ का श्रवण करने से पहले हम अपना आत्मावलोकन करें कि वास्तव में हम कितने मंगलमय हैं। आपने समता, सम्मान एवं समानता का बहुत ही सुंदर विवेचन किया। तेरापंथ युवक परिषद के सदस्यों द्वारा मंगलाचरण एवं विजय गीत का संगान किया गया। स्वागत उद्बोधन तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष अर्पित जैन द्वारा दिया गया। आभार ज्ञापन श्रेणिक घीया ने किया। कार्यक्रम का रोचक संचालन तरीन मेहता द्वारा किया गया।