तेरापंथ निर्देशिका का हुआ लोकार्पण
श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, गंगाशहर द्वारा साध्वी चरितार्थप्रभाजी एवं साध्वी प्रांजलप्रभाजी के सान्निध्य में गंगाशहर तेरापंथ निर्देशिका का लोकार्पण समारोह शांति निकेतन में आयोजित किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए साध्वी चरितार्थप्रभाजी ने कहा कि गंगाशहर धर्म संघ का विशिष्ट क्षेत्र है। तेरापंथी सभा के कार्यकर्ताओं की अच्छी टीम है। जिस कार्य का चिंतन कर लेते हैं, वह पूर्ण होता है।
गुरुदेव के आशीर्वाद से निर्देशिका का यह महत्वपूर्ण कार्य आज पूर्ण हुआ है। निर्देशिका धार्मिक दृष्टि के साथ-साथ सामाजिक दृष्टि से भी बहुत उपयोगी है। संकल्प शक्ति, गुरु भक्ति और टीम भावना की लगन के साथ इस कार्य को संपन्न किया है। यहां पर महाप्रज्ञ अलंकरण, साध्वीप्रमुखा चयन व युवाचार्य मनोनयन समारोह जैसे आयोजन हुए हैं तथा महाप्रतापी आचार्य तुलसी की पुण्य भूमि बनने का सौभाग्य गंगाशहर को मिला है। गंगाशहर क्षेत्र का इतिहास स्वर्णिम पृष्ठों से परिपूर्ण है तथा यह नए-नए पृष्ठ अंकित करें, ऐसी शुभकामना है।
निर्देशिका की प्रथम प्रति तेरापंथी महासभा के संरक्षक जैन लूणकरण छाजेड़ व तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अमरचंद सोनी ने साध्वी चरितार्थप्रभा जी व साध्वी प्रांजलप्रभा जी को निवेदित की। संरक्षक जैन लूणकरण छाजेड़ ने निर्देशिका प्रकाशन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि गंगाशहर तेरापंथ समाज की चिर प्रतीक्षित इच्छा व आवश्यकता की पूर्ति हुई है। उन्होंने कहा तेरापंथ समाज गंगाशहर में यह प्रथम अवसर है कि समाज की डायरेक्टरी का प्रकाशन हुआ है इसलिए उन्होंने सभा के कार्यकर्ताओं की टीम भावना तथा निस्वार्थ कार्य शैली की सराहना की।
तेरापंथी सभा अध्यक्ष अमरचंद सोनी ने आचार्य श्री महाश्रमण द्वारा प्राप्त सन्देश वाचन करके कहा कि आज यह जो क्षण आया है वह गुरुकृपा से तथा समय-समय पर यहाँ पधारे चारित्रात्माओं के आशीर्वाद से ही संभव हुआ है। सोनी ने निर्देशिका प्रकाशन में मिले सहयोग हेतु सभी कार्यकर्ताओं, संस्थाओं व आर्थिक सहयोग कर्ताओं को धन्यवाद दिया।
तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष संजू लालाणी, तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष अरुण नाहटा ने शुभकामनाएं व बधाई दी। तेरापंथी सभा के मंत्री रतनलाल छलाणी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया की निर्देशिका में समाज के 1628 परिवारों का सदस्यों के नाम, शिक्षा व व्यापार सहित सभी जानकारियां प्रकाशित किए गए है। लगभग 400 पेज की निर्देशिका में गंगाशहर का इतिहास, साधु-साध्वी चातुर्मास आदि से संबंधित तथ्य दिए गए हैं। डायरेक्टरी के डिजिटल संस्करण का लोकार्पण छापर चातुर्मास के समय आचार्यश्री महाश्रमण जी के सान्निध्य में किया गया था। उन्होंने कहा कि अब भी कोई भी व्यक्ति अपने परिवार की जानकारी ऑनलाइन अपडेट कर सकता है।