आचार्यश्री महाश्रमण जी के दीक्षा कल्याण वर्ष की परिसम्पन्नता पर विविध आयोजन
आचार्यश्री महाश्रमण जी के 51वें दीक्षा दिवस पर वसई में साध्वी पुण्ययशाजी एवं साध्वी डॉ. पीयूषप्रभाजी के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत वसई महिला मंडल के मंगलाचरण के द्वारा हुई। साध्वी पुण्ययशा जी ने युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी की महिमा का बखान करते हुए कहा कि गुरुदेव तीर्थंकर के प्रतिनिधि हैं और हम सौभाग्यशाली हैं कि इस पंचम कलिकाल में हमें गुरु के रूप में ऐसी पवित्र, निर्मल आत्मा प्राप्त हुई। साध्वीप्रमुखाश्रीजी के मनोनयन दिवस पर उनकी विनम्रता की प्रशंसा करते हुए बताया कि चाहे जो परिस्थितियों हो वे सदैव गुरु के प्रति समर्पित एवं सदैव विनम्र भाव से रहती हैं।
साध्वी डॉ. पीयूषप्रभा जी ने आचार्य श्री महाश्रमण जी के दीक्षा दिवस पर उनकी जीवनी का चित्रण किया, साथ ही साध्वीप्रमुखाश्रीजी के मनोनयन दिवस पर भी अपने भाव व्यक्त करते हुए कहा कि साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभाजी हमारे धर्म संघ की एक विलक्षण प्रतिभा है। जिन्होंने प्रथम पंक्ति में दीक्षा लेकर समण श्रेणी में नियोजिका के रूप में सेवा दी और देश-विदेश में धर्म यात्राएं की। अब वे श्रद्धेय आचार्यश्री के द्वारा नियुक्त नवम साध्वीप्रमुखाश्री के रूप में धर्म संघ की सेवा कर रहे हैं। साध्वी बोधिप्रभाजी एवं साध्वी भावनाश्रीजी ने गुरुदेव के प्रति अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। साध्वी वर्धमानयशाजी एवं साध्वी सुधाकुमारीजी ने सुमधुर गीतिका का संगान किया। तेरापंथी सभा वसई से वर्धमान सोलंकी, तेरापंथ युवक परिषद से विकास इंटोदिया, महिला मंडल से चंदा गोखरू एवं आशा गुंदेचा ने गुरुदेव के प्रति अपने भावों की अभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम का संचालन साध्वी दीप्तियशाजी ने किया।