मौलिकता रहे सुरक्षित, परिवर्तन सदा अपेक्षित

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मौलिकता रहे सुरक्षित, परिवर्तन सदा अपेक्षित

तेरापंथ महिला मंडल आर.आर नगर द्वारा अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा निर्देशित आचार्यश्री तुलसी के 28वां महाप्रयाण दिवस ‘विसर्जन दिवस’ पर विदुषी साध्वी उदितयशा जी ठाणा-4 के सानिध्य में कार्यशाला का आयोजन किया गया। साध्वीश्री जी के नमस्कार महामंत्र से कार्यशाला प्रारंभ हुई। बहनों द्वारा तुलसी अष्टकम का संगान किया गया। अध्यक्षा सुमन पटावरी ने सभी का स्वागत किया। बहनों ने सुमधुर गीत से मंगलाचरण किया। ‘मौलिकता रहे सुरक्षित, परिवर्तन सदा अपेक्षित’ इस विषय पर पूर्व अध्यक्ष कंचन छाजेड़, सरोज आर. बैद एवं लता बाफना ने अपने विचार रखते हुए कहा जड़ को सिंचित किए बिना कोई पल्लवित नहीं हो सकता और आधारभूत परिवर्तन आगे बढ़ाने के लिए सदैव अपेक्षित है। आचार्यों द्वारा समय के साथ परिवर्तन को आवश्यक बताया गया है।
साध्वी संगीतप्रभा जी के सुरीले संगान से पूरी परिषद प्रभावित हो गई। साध्वी भव्ययशा जी ने विसर्जन के महत्व को बताते हुए अपने विचार रखें। साध्वी उदितयशा जी ने विषय पर और प्रकाश डालते हुए कहा कि विसर्जन की परंपरा तेरापंथ धर्मसंघ मे आचार्य भिक्षु से चली आ रही है। संग्रह प्रवृत्ति को छोड़ विसर्जन करने वाला व्यक्ति ही महान होता है। अहंकार, आसक्ति, ममत्व, पद आदि का यथा समय विसर्जन होना चाहिए। इस अवसर पर साध्वीश्री ने डिजिटल डिटॉक्स की बात कहते हुए उपस्थित सभी श्रावक श्राविकाओं को महीने में एक दिन मोबाइल का सीमित उपयोग का संकल्प करवाया। कार्यशाला का सुंदर संचालन संयोजिका आशा लोढ़ा एवं सह-संयोजिका ममता सिंघवी ने किया। आभार ज्ञापन मंत्री पदमा मेहर ने किया।