शरीर, इन्द्रियां और मन तीनों के तपने से खुलता है आत्मा का द्वार

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जयपुर।

शरीर, इन्द्रियां और मन तीनों के तपने से खुलता है आत्मा का द्वार

जयपुर। 'शासन गौरव' साध्वी कनकश्रीजी के सान्निध्य में अक्षय तृतीया का कार्यक्रम अर्हत् भक्ति और तपः शक्ति के प्रेरक वातावरण में संपन्न हुआ। श्यामनगर स्थित भिक्षु साधना केंन्द्र समिति के प्रज्ञा समवसरण में वैज्ञानिक निर्मला बरडिया के 11वें वर्षीतप का और सरोज घीया के प्रथम वर्षीतप का अभिनंदन साध्वीश्री के सान्निध्य में हुआ। साध्वीश्री द्वारा महामंत्र समुच्चारण के पश्चात मधुर संगायिका सुधा दूगड़ के मंगल संगान से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। बहुश्रत साध्वी कनकश्री जी ने समुपस्थित जनमेदिनी को सम्बोधित करते हुए कहा, "भगवान ऋषभ सभी धर्मों में किसी न किसी रूप मे मान्यता प्राप्त हैं। आज जितना वैज्ञानिक विकास हम देख रहे हैं, उसमें पहिए और विद्युत का महत्वपूर्ण योगदान है। इनके प्रथम आविष्कर्ता भगवान ऋषभ हैं। ऋषभ ने मानवजाति को अपने हितों की सुरक्षा और मानवीय सभ्यता के विकास हेतु असि, मसि, कृषि का प्रशिक्षण दिया।"
साध्वीश्री ने तप की शुभांशसा करते हुए कहा, “तप के साथ उपशम कषाय, मौन, स्वाध्याय, ध्यान आदि की साधना से तपस्या अधिक प्रभावी बन जाती है। कोरा शरीर तपता है तो अहं बढ़ता है, शरीर और इंद्रियां दोनों तपते हैं तो संयम सधता है। शरीर, इन्द्रियां और मन ये तीनों तपते हैं तो आत्मा का द्वार खुलता है।“ साध्वीश्री ने निर्मला बरड़िया को उनके 12वें वर्षीतप का प्रत्याख्यान करवाया। साध्वी मधुलताजी ने ऋषभ और श्रेयांस के पूर्वभव की रोचक व प्रेरक चर्चा करते हुए कहा, “राजकुमार श्रेयांस ने इक्षुरस द्वारा भगवान ऋषभ को सुपात्रदान देकर प्रथम दानदाता बनने का गौरव प्राप्त किया।“ साध्वीवृंद ने भगवान ऋषभ की सामूहिक गीत से स्तुति की।
जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा जयपुर के अध्यक्ष शांतिलाल गोलछा, तेरापंथ महिला मंडल जयपुर शहर की अध्यक्षा नीरू मेहता, ते.म.सं. सी स्कीम की मंत्री ऋतु गधैया, युवक परिषद जयपुर के मंत्री अभिषेक भंसाली, महालचंद बरडिया एवं अनिता कोठारी ने तपस्या की अनुमोदना करते हुए मंगलकामना की। तपस्वी बहन सरोज घीया ने अपने भाव व्यक्त किए। इस अवसर पर अणुविभा के अध्यक्ष पन्नालाल बैद. अभातमेमं की पूर्वाध्यक्ष पुष्पा बैद, भिक्षु साधना केन्द्र समिति के अध्यक्ष प्रवीण बांठिया सहित अनेक सभा संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे। सभी संस्थाओं ने तपस्वियों का अभिनंदन किया। कुशल संचालन सभा के उपाध्यक्ष राजेन्द्र बांठिया ने किया।