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धर्मयुग के प्रवर्तक भगवान ऋषभ
साध्वी कनकरेखाजी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा अहमदगढ़ के तत्वावधान में अक्षय तृतीया का कार्यक्रम बड़े ही हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी गुणप्रेक्षा जी, साध्वी संवरविभा जी व साध्वी हेमंतप्रभा जी के मंगलाचरण से हुआ। साध्वी कनकरेखा जी ने अपने वक्तव्य में कहा, “आज अक्षय तृतीया का पावन दिन हमें प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभ की याद दिलाता है। भगवान ऋषभ ने असि, मसि, कृषि का प्रशिक्षण देकर समाज में प्रथम क्रांति की। कर्मयुग का प्रवर्तन किया एवं अनेक सामाजिक क्रांतियां की। जब मन में संयम की भावना जगी तब धर्मयुग का प्रवर्तन किया। चार हजार व्यक्तियों के साथ सन्यास ग्रहण किया। कई महीने तक तपस्या की। 13 मास 10 दिन के बाद परपौत्र श्रेयांस के हाथों से इक्षुरस के द्वारा भगवान का पारणा हुआ। तीज का यह दिन इतिहास में अक्षय बन गया।“ साध्वीश्री ने श्रावक समाज को प्रेरित करते हुए कहा, “हम मौन, जप, स्वाध्याय आदि का वर्षीतप कर कर्म-निर्जरा में संभागी बन सकते हैं।“ इस अवसर पर सभाध्यक्ष दीपक जैन, पूर्वाध्यक्ष बलदेव जैन, राकेश जैन मुरली, महिला मंडल अध्यक्ष बिंदिया जैन, युवती मंडल से स्वाति जैन ने वक्तव्य एवं गीतिका की प्रस्तुति दी। कुशल संचालन साध्वी संवरविभा जी ने किया।