तकनीक का उपयोग हो संयम की पतवार के साथ

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तक्कोलम।

तकनीक का उपयोग हो संयम की पतवार के साथ

साध्वी उदितयशा जी के सान्निध्य में तक्कोलम में 35 वर्षों के बाद अक्षय तृतीया के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन तक्कोलम जैन संघ एवं बाफना परिवार के सहयोग से सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वी भव्ययशा जी एवं साध्वी शिक्षाप्रभा जी द्वारा ‘ॐ ऋषभाय नमः’ गीत के संगान से हुई, जिसके पश्चात साध्वी उदितयशा जी ने साधना के कष्टों पर सारगर्भित प्रवचन दिया। साध्वी भव्ययशा जी ने वर्तमान के तकनीकी विकास का उल्लेख करते हुए भगवान ऋषभ को इसका जनक और प्रमुख प्रवर्तक बताया। उन्होंने कहा कि इस तकनीक का उपयोग संयम की पतवार के साथ किया जाए, ताकि हम भगवान ऋषभ के सच्चे अनुयायी बन सकें। साध्वी संगीतप्रभा जी ने अपने संगीतमय संयोजकीय वक्तव्य के माध्यम से जनता से वर्षीतप में नवीन प्रयोग करने की अपील की। इसमें कई लोगों ने मोबाइल उपयोग की सीमा निर्धारित करने का संकल्प लेते हुए विशेष प्रकार का वर्षीतप करने का प्रत्याख्यान किया।