
रचनाएं
वंदन करते हैं अभिनंदन करते हैं
शुभमय, शिवकर, सुखमय मनहर
वर्धापन का मंगल अवसर, वंदन करते हैं।
अभिनंदन करते हैं।।
शांत सौम्य है, व्यवहार तुम्हारा,
करुणा रस की बहती नित धारा।
उपशम गुण की साधना को वंदन करते हैं।।
तप जप शोभित, है शुभ्र साधुता,
है ध्यान विभूषित, स्वाध्यालीनता।
अप्रमाद की चेतना को वंदन करते हैं।।
ग्रहणशीलता, देखी अलबेली,
अध्यापन की, है सुंदर शैली।
ज्ञान की उपासना को वंदन करते हैं।।
आहार संयम, करती हो अनुत्तर,
मन वाणी की, है गुप्ति विकस्वर।
संयम की वर भावना को वंदन करते हैं।।
आज्ञा निष्ठा, विनय समर्पण,
जन गण सेवा, में हर क्षण अर्पण।
गुरु इंगित आराधना को वंदन करते हैं।।
तेजस्वी हो, संन्यास हमारा,
आध्यात्मिकता, हो श्वास हमारा।
साध्वीप्रमुखा प्रेरणा को वंदन करते हैं।।
लय - सुख आते हैं