नववर्ष पर वृहद् मंगलपाठ का हुआ समायोजन
साध्वी अणिमाश्रीजी ने जयपुर के टेगौर नगर में नववर्ष के पावन अवसर पर विशिष्ट मंत्रों एवं प्रभावशाली स्तोत्रों के साथ वृहद् मंगलपाठ के द्वारा विशाल परिषद् में नव ऊर्जा का संचार किया। साध्वी अणिमाश्रीजी ने अपने उद्बोधन में कहा- नवीनता एवं पुरातन का संगम स्थल है - जीवन। 2024 पुराना हो गया एवं पच्चीस नव मधुमास लेकर आया है। आज चिंतन करें कि पिछले वर्ष हमने जो संकल्प सजाए थे, जो सुनहरे सपने देखे थे, आज वे संकल्प शिखर तक पहुंचें हैं या बीच में ही रह गए। सपना यथार्थ की धरती पर फलबान बना है या सपना ही रह गया है।
चिंतन के वातायन को खोले एवं अधूरे कामों को पूरा करने में फिर से जुट जाएं। साध्वीश्री ने कहा कि मानव जीवन कुदरत से मिला बेशकीमती उपहार है। 2025 में जीवन को सार्थक दिशा देने का प्रयत्न करें। जीवन की महफिल में अध्यात्म के दीप जलाएं। जीवन को शानदार, जानदार एवं चमकदार बनाएं। इस अवसर पर साध्वी कर्णिकाश्रीजी ने कहा - दुनिया में सबसे बड़ी चीज है संकल्प। अपने संकल्प देवता को जागृत कर नए साल में नए कीर्तिमान बनाएं। डॉ. साध्वी सुधाप्रभाजी ने कहा - जिस प्रकार पायलट उडान भरते समय एवं लैंड करते समय चेक लिस्ट मैच करता है वैसे ही आज का दिन जीवन की चेक लिस्ट मैच करने का दिन है। साध्वी समत्वयशा जी ने नव वर्ष पर सुन्दर गीत का संगान किया। साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने मंच संचालन करते हुए टाइम, टॉक एवं थोट को मेनेज करने की बात कही। जयपुर सभाध्यक्ष शांतिलाल गोलछा, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सेठिया ने अपने विचार रखे। पूर्व तेयुप अध्यक्ष राजेश छाजेड़ ने आगंतुकों स्वागत सत्कार किया।