आध्यात्मिक मिलन समारोह
नोखा। सन्तों, साध्वियों का मिलना आनन्ददायक होता है। जोरावरपुरा में 9 दिन प्रवास करके पुनः नोखा आगमन पर 'शासनगौरव' साध्वी राजीमतीजी से साध्वी विशदप्रज्ञा जी का मिलन दर्शनीय था। साध्वी राजीमतीजी ने कहा तेरापंथ की मर्यादा और अनुशासन की एक गूंज है। आचार्य श्री महाश्रमणजी की छत्र छाया में हम संयम साधना कर स्व-कल्याण करते हुए पर कल्याण कर रहे हैं। साध्वी विशदप्रज्ञाजी प्रबुद्ध एवं विनम्रता की प्रतिमूर्ति है। साध्वी विशदप्रज्ञाजी ने 'शासन गौरव' साध्वी राजीमती को विरल, विलक्षण एवं ध्यान योग साधिका बताया। कोलकता से समागत सुमधुर गायक लक्ष्मीपत जैन ने गीतिका की प्रस्तुति दी।