
रचनाएं
याद प्रभु की आने लगी
तप की उजली राहों में याद प्रभु की आने लगी।
हो वर्षीतप के पारणे में।।
1. नाभि सुत है अवतारी, नाम में शक्ति है भारी,
तुम पर जाएं बलिहारी, दुनिया तेरी है प्यारी।
आशीष प्रभु का पाने को-2, याद प्रभु…।।
2. वर्षीतप के ओ राही, तप की बज रही शहनाई,
हीरे- पन्ने थाल सजें, कन्या की मनुहार हुई।
तेरह घड़ी की अन्तराय में-2, याद प्रभु…।।
3. अक्षय तृतीया है आई, धन्य धरा है मुस्काई,
श्रेयांस बड़ा था सौभागी, इक्षुरस की धार बही।
तीज की सुनहली प्रातः में-2, याद प्रभु…।।
4. घर- घर में खुशियां छाई, प्रभु की जय-जय कार हुई,
आया जो भी शरण तेरी, नैय्या उसकी पार हुई।
गुंजित मृदु झंकार में अहोदानं की ध्वनि हुई….।।
लय - याद पिया की