सहनशीलता, समर्पण और सेवा बना सकते हैं दीर्घजीवी परिवार

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नेपानगर, मध्यप्रदेश।

सहनशीलता, समर्पण और सेवा बना सकते हैं दीर्घजीवी परिवार

मुनि अर्हत कुमार जी के सान्निध्य में नेपानगर नगरपालिका अध्यक्षा भारती विनोद पाटिल द्वारा आयोजित 'टूटते रिश्ते - बिखरते परिवार' कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुनिश्री ने कहा, 'रिश्तों के रस को रिसने ना दें। ईंट पत्थर चूने से बना मकान होता है, घर परिवार नहीं। घर-परिवार वह होता है, जिसमें प्रेम प्यार का आंगन होता है, मर्यादा की दीवारें होती है, अनेकांत का दरवाजा होता है, विवेक की खिड़की होती है, बड़े बुजुर्गों की आशीर्वाद रुपी छत होती है, वह घर-घर ही नहीं बल्कि स्वर्ग बन जाता है। परिवार को दीर्घजीवी वे ही बना सकते हैं जिनमें सहनशीलता, समर्पण, सेवा और सापेक्षता का विकास हो।' मुनि जयदीप कुमार जी ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में नगरपालिका अध्यक्षा भारती विनोद पाटिल, थाना प्रभारी रीनू जायसवाल, नेपा मिल से राजेश मखानी, नेपानगर श्रावक समाज एंव सदस्यों की अच्छी उपस्थिति रही।