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ज्ञानशाला प्रशिक्षक रिफ्रेशर कार्यशाला का आयोजन
दिल्ली, NCR, यूपी अंचल के ज्ञानशाला प्रशिक्षक रिफ्रेशर कार्यशाला का आयोजन अध्यात्म साधना केंद्र, महरौली, तेरापंथ भवन परिसर, दिल्ली में बहुश्रुत परिषद सदस्य, ज्ञानशाला के आध्यात्मिक पर्यवेक्षक मुनि उदितकुमार जी के सान्निध्य में हुआ। कार्यशाला का शुभारंभ मुनिश्री द्वारा नमस्कार महामंत्र से किया गया। फरीदाबाद ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुति दी गई। मुनि उदितकुमार जी ने रिफ्रेशर कोर्स के महत्व और नवाचार पर प्रकाश डाला। आंचलिक संयोजक महिम बोथरा ने कार्यक्रम में पधारे सभी संभागियों का स्वागत किया। ज्ञानशाला प्रकोष्ठ राष्ट्रीय संयोजक सोहनराज चौपड़ा ने ज्ञानशाला प्रारूप पर विस्तृत जानकारी दी।
ज्ञानशाला राष्ट्रीय प्रशिक्षक निर्मल नौलखा ने जैन धर्म और तेरापंथ के मूलभूत सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर डॉक्टर रत्ना कोठारी ने कोऑपरेटिव लर्निंग स्ट्रैटेजी के प्रयोग की व्यावहारिक विधियां सिखाईं। ज्ञानशाला राष्ट्रीय परीक्षा व्यवस्थापक सुरेंद्र लूनिया ने ज्ञानशाला परीक्षा पर विस्तृत जानकारी दी। प्रतिक्रमण, कंठस्थ ज्ञान एवं उच्चारण सत्र में ज्ञानशाला राष्ट्रीय प्रशिक्षक डालिमचंद नौलखा ने शुद्ध उच्चारण पर बल दिया। अंजू चौधरी ने समय सारिणी और प्रायोगिक जानकरी प्रदान की। 'खेल-खेल में' नॉएडा ज्ञानशाला द्वारा ज्ञानशाला और म्यूजिकल मेमोरी क्विज आयोजित हुआ, जिसमें दर्शन ग्रुप ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
द्वितीय दिवस की शुरुआत प्रेक्षाध्यान सत्र से हुई, जिसमें विमल गुनेचा के मार्गदर्शन में ध्यान और योगाभ्यास कराया गया। मुनि उदित कुमार जी ने प्रशिक्षिकाओं से संवाद कर ज्ञानशाला संचालन में समर्पण भाव के महत्व को रेखांकित किया। प्रोफेसर डॉक्टर रत्ना कोठारी ने Lesson Planning पर व्यावहारिक सत्र संचालित किया। सरोज छाजेड़ ने कैसे हो ''व्यक्तित्व विकास'' पर प्रभावी सुझाव दिए। संस्कृति भंडारी ने कहानी सुनाने की कला पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया। निर्मल नौलखा ने पच्चीस बोल पुनरावर्तन में गुणस्थान पर चर्चा की।
कार्यशाला के अंतिम चरण में स्नातक उत्तीर्ण प्रशिक्षिकाओं को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया व सहयोगी कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के संचालन में कविता लोढ़ा, श्वेता हीरावत, कुसुम बोरड, राजेश दूगड़ और भरत बेगवानी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दिल्ली सभा अध्यक्ष सुखराज सेठिया की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यशाला में प्रशिक्षकों को ज्ञानशाला को अधिक प्रभावी और रोचक बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए।