युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी के जन्मोत्सव, पट्टोत्सव एवं दीक्षा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम

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युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी के जन्मोत्सव, पट्टोत्सव एवं दीक्षा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम

तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी के 52वें दीक्षा दिवस (युवा दिवस) के अवसर पर तेरापंथ युवक परिषद राजनगर एवं कांकरोली के संयुक्त तत्वावधान में भिक्षु बोधि स्थल, राजनगर में 'अमृत अभ्यर्थना' समारोह का आयोजन मुनि सुरेश कुमार जी के सान्निध्य में संपन्न हुआ। समारोह की शुरुआत नमस्कार महामंत्रोच्चार से हुई। 'शासनश्री' मुनि सुरेश कुमार जी ने अपने वक्तव्य में कहा - आज का दिन तेरापंथ के लिए स्वर्णिम सूर्योदय का क्षण है, जब आचार्य तुलसी के निर्देश से मुनि सुमेरमलजी ने महज 12 वर्ष की उम्र के मोहन को तेरापंथ धर्मसंघ में दीक्षित हुए। आचार्य महाश्रमण इतिहास पुरुष हैं जिन्होंने चरणों से देश - विदेश की यात्रा कर धरती को पावन किया। मुनि संबोध कुमार ‘मेधांश’ ने इस अवसर पर मां नेमा की स्मृति करते हुए कहा कि व्यक्ति का जीवन उद्देश्य भरा होना चाहिए। मुनि सिद्धप्रज्ञ जी ने गीत से आराध्य को वर्धापित करते हुए कहा 'आचार्य श्री में दसों पूर्वाचार्यों की विशेषताएँ समाहित हैं।' कार्यक्रम में वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश डॉ. पीयूष कुमार, अणुव्रत समिति मंत्री रमेश मांडोत, क्रिकेट टेनिस कैप्टन पुलदीप सिंह राव, तथा एंजिनियस युवा के कार्यकारी संपादक राजीव सुराणा ने आचार्य श्री की दीक्षा को जैन इतिहास का अविस्मरणीय अध्याय बताया।
इस अवसर पर भिक्षु बोधि स्थल अध्यक्ष हर्षलाल नवलखा, तेरापंथ सभा कांकरोली अध्यक्ष लाभचंद बोहरा, तेयुप राजनगर अध्यक्ष विकास मादरेचा, महिला मंडल अध्यक्षाएं सुधा कोठारी एवं ऊषा कोठारी आदि अनेक गणमान्य अतिथियों ने मंच की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम में विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ आकर्षण का केंद्र रहीं — जिनमें महिला मंडल द्वारा आचार्य श्री की 11 विशेषताओं की दोहामय प्रस्तुति, ज्ञानशाला के बच्चों का समूहगान व गीत पर भावपूर्ण प्रस्तुति प्रमुख थीं। मंच संचालन सागरमल कावड़िया ने प्रभावशाली ढंग से किया।