आचार्य तुलसी विकास पुरुष थे

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आचार्य तुलसी विकास पुरुष थे

हैदराबाद
साध्वी काव्यलता जी ने कहा कि आचार्यश्री तुलसी संत परंपरा में एक विशिष्ट महापुरुष थे, जिन्होंने तेरापंथ धर्मसंघ को विकास के ऐसे सौपान दिए, जिससे संघ की गतिशीलता प्रवर्धमान है। आचार्य तुलसी विकास पुरुष थे। जन्म से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी बालक तुलसी ने ग्यारह वर्ष की अल्प आयु में तेरापंथ के अष्टमाचार कालूगणी के चरणों में दीक्षित होकर अपने आपको श्रावक संघ की सेवा और मानवता के लिए सेवा में समर्पित कर दिया। प्रभात फेरी अणुव्रत रैली के रूप में निकानी गई। तेरापंथ सभा, महिला मंडल, ज्ञानशाला, तेयुप के साथ बोलाराम स्कूल के बच्चों ने उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम का मंगलाचरण तेममं के मंगल संगान से हुआ। सभाध्यक्ष रतनलाल सुराणा ने सभी का स्वागत किया। तेरापंथ सभा, सिकंदराबाद के अध्यक्ष सुरेश सुराणा, टीपीएफ के अध्यक्ष मोहित बैद, जैन सेवा संघ के कोषाध्यक्ष अशोक संचेती ने आचार्य तुलसी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कार्यक्रम का संचालन साध्वी ज्योतियशा जी ने किया। साध्वी सुरभिप्रभा जी व नवनीत छाजेड़, प्रेरणा सुराणा, प्राची मालू ने सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की। बोलाराम स्थानकवासी समाज के वरिष्ठ श्रावक आनंद स्वरूप बोहरा ने आचार्य तुलसी के केवल तेरापंथ के ही नहीं पूरे जैन समाज के तेजस्वी आचार्य बताते हुए उनके साहित्य को उच्च कोटि का साहित्य बताया। उन्होंने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नामांकित आचार्य तुलसी का सिक्‍का प्रवचन सभा में आए सभी को स्मृति चि के रूप में प्रदान किया।