धर्म की फसल उगाने का समय है चातुर्मास

संस्थाएं

धर्म की फसल उगाने का समय है चातुर्मास

अणुव्रत भवन, दिल्ली।
चातुर्मास मंगल प्रवेश हेतु साध्वी संघमित्रा जी का विशाल जुलूस गांधी शांति प्रतिष्ठान से प्रारंभ होकर मुख्य मार्गों से होता हुआ अणुव्रत गीत, नशामुक्ति व अहिंसा के जयघोषों को गुंजाते हुए अणुव्रत भवन पहुँची। स्वागत में आयोजित अहिंसा रैली सभा में परिणत हुई। शासनश्री साध्वीश्री जी ने कहा कि चातुर्मास में अध्यात्म के बीजों का वपन कर जीवन में सद्गुणों की त्याग, तप व धर्म की फसल उगाने का समय है। यह समय खुद की तलाश का एक अनूठा मौका है। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर समाज में नई चेतना लाएँ, जिससे समरसता का वातावरण बने।
शासनश्री साध्वी शीलप्रभाजी ने समाज को चतुर्मास में करणीय कार्यों की प्रेरणा देते हुए गीत के माध्यम से सबको भावविभोर कर दिया। डॉ0 साध्वी सूरजयशा जी ने कहा कि यह समय जीवन के चित्र में सद्गुण की तूलिका से रंग भरने का समय है। साध्वी समाधिप्रभा जी ने कहा कि चातुर्मास काल में अधिकाधिक धर्माराधना करनी चाहिए। उन्होंने प्रेरक गीत के माध्यम से करणीय कार्य बताए। साध्वी ओजस्वी प्रभाजी ने कहा कि चातुर्मास बाह्य यात्रा से अंतरयात्रा की ओर प्रस्थान करने का स्वर्णिम समय है। उन्होंने बारी के उपवास, तेला आदि के लिए नाम लिखाने को कहा।
दिल्ली सभा के अध्यक्ष सुखराज सेठिया, महिला मंडल की अध्यक्षा मंजु जैन, सभा पूर्वाध्यक्ष गोविंदराम बाफना आदि ने जुलूस में सहभागिता दर्ज की और अणुव्रत भवन प्रवेश कर स्वागत किया। इसके पश्चात साध्वीश्री जी के अभिनंदन स्वागत का कार्यक्रम हुआ। मंगलाचरण ममता दुगड़ ने किया। महिला मंडल ने गीत प्रस्तुत किया। दिल्ली सभा से बाबूलाल दुगड़, महिला मंडल से यश बोथरा, तेयुप से अभिनंदन बैद, गांधीनगर से सभाध्यक्ष कमल गांधी, गुरुग्राम सभा के अध्यक्ष विमल सेठिया, उत्तर मध्य के अध्यक्ष प्रसन्न पुगलिया, दक्षिण दिल्ली के अध्यक्ष हीरालाल गेलड़ा, अणुव्रत समिति से कल्पना सेठिया, रमेश कांडपाल, अणुव्रत न्यास के के0सी0 जैन आदि ने अभिनंदन किया। संचालन महामंत्री प्रमोद घोड़ावत ने व आभार ज्ञापन शांति कुमार जैन ने किया।