बालिका संस्कार निर्माण शिविर का समापन

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बालिका संस्कार निर्माण शिविर का समापन

डॉ. साध्वी गवेषणाश्रीजी ठाणा-4 के सान्निध्य में राज्यस्तरीय पंचदिवसीय ‘बालिका संस्कार निर्माण शिविर’ का आयोजन किया गया। साध्वीश्री ने कहा- जिंदगी जीना है तो कुछ हुनर पैदा करना जरूरी है। जो काम सोना कर सकता है वह तांबा नहीं कर सकता।
हम अपने संस्कारों को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो उसके लिए पुरुषार्थ करना होगा। कन्याओं को शिविर में जो संस्कार प्राप्त हुए हैं उसको संजोकर रखना है। यह हमारे जीवन की खुराक है, यह संस्कार ओजपूर्ण आहार से युक्त है, जो जिंदगी भर आपके काम आएंगे। तेरापंथ महासभा, तेरापंथ सभा, तेरापंथ ट्रस्ट बोर्ड, शिविर संयोजिका एवं पूरे ग्रुप के सहयोग से यह पंच दिवसीय शिविर सफल हो पाया है।
कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी मेरुप्रभाजी के मंगलगान से हुआ। साध्वी दक्षप्रभाजी ने सुमधुर गीतिका की प्रस्तुत दी। शिविरार्थी कन्याओं द्वारा रोचक नाटिका की प्रस्तुति दी गयी। जिसमें योगा प्रस्तुति, शिविर की कहानी अपनी जुबानी आदि ने सबका ध्यान आकर्षित किया।
मुमुक्षु कोमल, मुमुक्षु हेमश्री ने प्रेरणास्पद विचार रखें। ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष व महासभा प्रभारी विमल चिप्पड़, तेरापंथ सभा अध्यक्ष उगमराज सांड, शिविर व्यवस्थापिका कविता रायसोनी, मनोज डूंगरवाल, हेमन्त मालू आदि ने अपने विचार प्रस्तुत किए। आभार ज्ञापन भारती मुथा ने किया। कार्यक्रम का संचालन साध्वी मयंकप्रभाजी ने किया।