चित्त समाधि कार्यशाला का आयोजन

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चित्त समाधि कार्यशाला का आयोजन

मोमासर। साध्वी संघप्रभा जी ठाणा 3 के सान्निध्य में तेरापंथ भवन मोमासर में 'कैसे हो सुखमय बुढ़ापा' विषय पर चित्त समाधि कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मंगलाचरण चंपालाल बैंगानी ने सुमधुर गीत से किया। साध्वी संघप्रभा जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि बुढ़ापा उम्र की डाली का वह पका हुआ फल है जिसके अनुभवों की मिठास और सम्यक चिंतन की सुवास न केवल स्वयं का अपितु पूरे परिपार्श्व को आनंदित कर देती है बशर्तें कि हर इंसान आसन, प्राणायाम, ध्यान व योगमय जीवन शैली द्वारा आग्रह संयम, आहार संयम, इंद्रिय संयम, तनाव मुक्ति तथा निषेधक विचार संयम करना सीखे। साध्वी विधिप्रभा जी ने बुढ़ापे को पुन: यौवन के रूप में बिताने के लिए अनेक प्रयोग एवं टिप्स बताकर संस्मरण प्रस्तुत किए। तेरापंथ महिला मंडल ने सुन्दर गीतिका का संगान किया। अशोक पटावरी, सुरेंद्र संचेती, गुमानमल सेठिया, पुष्पा देवी पटावरी आदि वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी प्रांशुप्रभाजी ने किया।