आध्यात्मिक अनुष्ठान खोलता है सिद्धि का द्वार
रायपुर। मंत्र जहां साधक के जीवन में आध्यात्मिकता का विकास करता है, वहीं आधि-व्याधि-उपाधि से निजात दिलाता है, शारीरिक, मानसिक कष्टों को भी काटता है। पारिवारिक, सामाजिक माहौल में भी सौहार्द, सामंजस्य, मैत्री, प्रेम के प्रवाह को प्रवाहित करने में सहायक बनता है। उपरोक्त विचार मुनि सुधाकर जी ने श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा रायपुर द्वारा आयोजित लाल गंगा पटवा भवन के जय समवसरण में ‘णमोत्थुणं अनुष्ठान’ में विशाल जनमेदिनी को संबोधित करते हुए कहे। अनुष्ठान में तीर्थंकर परमात्मा के 1008 नामों का समुच्चारण करते हुए णमोत्थुणं कल्प के मंत्रों का उच्चारण किया गया। आज के इस विशेष अनुष्ठान में लगभग 950 से अधिक जैनों के साथ जैनेतर बंधुओं ने भी सहभागिता दर्ज करवाई। लगभग 2:30 घण्टा चले इस विशेष अनुष्ठान में रायपुर के साथ-साथ चेन्नई, बेंगलोर, राजनांदगांव,
दुर्ग, भिलाई, अम्बिकापुर, मनेन्द्रगढ़, कवर्धा, सरायपाली, टिटलागढ़, धमतरी इत्यादि अनेकों क्षेत्रों के लोगों ने सहभागी बन अनुष्ठान किया। मंगलाचरण तेरापंथ महिला मंडल, स्वागत तेरापंथ सभा के अध्यक्ष गौतम गोलछा एवं आभार सभा के मंत्री चंद्रकांत लूंकड व कार्यक्रम का कुशल संचालन मनीष नाहर ने किया। अनुष्ठान के पश्चात मुनिश्री के सान्निध्य में तपस्वी कमल ललवानी - 31, शोभा सेठिया- 16, अरुण सिपानी- 11, सोनम बरलोटा- 10 को तपस्या का प्रत्याखान करवाया गया। अनुष्ठान में व्यवस्था की दृष्टि से सहयोगी रत्ना महेन्द्र बापना व सोनाली नरेश बापना रहे।