31वें विकास महोत्सव के विविध कार्यक्रम

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31वें विकास महोत्सव के विविध कार्यक्रम

साध्वी उज्जवलरेखाजी के सान्निध्य में आयोजित विकास महोत्सव कार्यक्रम में साध्वीश्री ने कहा- वैज्ञानिक युग में कोई व्यक्ति, परिवार या समाज सफलता का जीवन जीने का अभीप्सु है, जीना चाहता है तो उसे दो बातों पर पहले ध्यान केंद्रित करना होगा - मर्यादा और अनुशासन। जहां इन दो तत्त्वों को गौण किया जाता है, वह व्यक्ति हो अथवा संगठन कभी भी प्रगति, विकास नहीं कर पाता। तेरापंथ धर्म संघ एक जीवंत, प्राणवान, दीर्घजीवी संघ है। जहां प्राणवत्ता है, वहीं विकास है। तेरापंथ धर्म संघ सौभाग्यशाली है जहां विकास की निरंतर प्रक्रिया जारी है। गुरुदेव श्री तुलसी ने अपने शासनकाल में संघ में शिक्षा, शोध, कला, साहित्य, सामाजिक संस्थाएं, जीवन विज्ञान, विसर्जन, नया मोड़, अहिंसा प्रशिक्षण, अणूव्रत, जैन विश्व भारती जैसे महान कार्यों के द्वारा विकास के नए क्षितिज खोल दिए। विकास महोत्सव तेरापंथ की गति प्रगति का प्रतिक है। साध्वी हेमप्रभा जी ने कहा आचार्य श्री तुलसी विकास पुरुष थे।