संस्कृति को सुरक्षित रखने वाली विशिष्ट शक्ति है महिला

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संस्कृति को सुरक्षित रखने वाली विशिष्ट शक्ति है महिला

अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि जिनेश कुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में प्रबुद्ध महिला सेमिनार का आयोजन शरत सदन ऑडिटोरियम में तेरापंथ महिला मंडल साउथ हावड़ा द्वारा आयोजित किया गया। उपस्थित प्रबुद्ध जन को संबोधित करते हुए मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा- किसी भी सभ्य, शिष्ट व स्वस्थ समाज के निर्माण में व्यक्ति के संस्कारों का बहुत बड़ा योगदान रहता है। व्यक्ति के संस्कार निर्माण में महिला की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। इस दृष्टि से कहा जा सकता है कि संस्कार निर्माण के माध्यम से महिला समाज निर्माण व राष्ट्र निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। दुनिया को संवारने, संजोने वाली व संस्कृति को सुरक्षित रखने वाली एक विशिष्ट शक्ति का नाम महिला है। भारत की नारी तप, त्याग तथा शक्ति और संयम की जीवंत प्रतिमा है।
मुनिश्री ने आगे कहा - महिला की जीवन शैली में आचार में दृढ़ता, विचारों में सकारात्मकता, संस्कार में सृजनता व व्यवहार में मधुरता का समावेश होना चाहिए। महिला जितनी संस्कारी होगी परिवार व समाज उतना ही शक्तिशाली होगा। मुनि परमानंदजी ने कहा- आधुनिकता से तात्पर्य उस व्यक्तित्व से है जिसमें शिक्षा, संस्कार, कार्य कौशल व संस्कृति का समावेश हो। महिलाओं की प्रबुद्धता घर-परिवार में खुशहाली लाये यह अपेक्षा है। मुनि कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि अ.भा.ते.म.मं. की संगठन मंत्री रमण पटावरी ने कहा- नारी सृजन की शक्ति व प्रेरणापुंज है। शिक्षायतन कॉलेज की प्रोफेसर प्रीति सिंधी ने कहा- नारी अपना निर्माण स्वयं करें। सबको साथ लेकर चलने की अद्भुत शक्ति नारी में होती है।
मुख्य वक्ता अ.भा.ते.म.मं. ट्रस्टी सूरज बरडिया ने कहा- डिग्रियां तो बहुत है पर खुशियाँ कम होती जा रही है, मकान तो बहुत हैं, पर रौनक खत्म होती जा रही है, इसलिए आज जरूरत है बेटियों व बच्चों को संस्कारित बनाने की। प्रेरक वक्ता पूजा रितु बोथरा ने कहा- महिलाओं की जीवन शैली संयम प्रधान जीवन शैली होनी चाहिए। महिलाओं में सकारात्मक सोच, अनुशासन का विकास व सशक्तता का होना बहुत जरूरी है। बालिका मायरा चिंडालिया ने नारी शक्ति पर कविता व प्रसंग सुनाकर सबको भाव विभोर कर दिया। तेरापंथ महिला मंडल साउथ हावड़ा की बहनों ने सुमधुर गीत का संगान व युवतियों ने दर्पण शब्द पर अपनी प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ कन्या मंडल के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण तेममं की अध्यक्षा चंद्रकांता पुगलिया ने दिया। साउथ हावडा तेरापंथी सभा के अध्यक्ष लक्ष्मीपत बाफना ने शुभकामना देते हुए अपने विचार व्यक्त किये। गायिका अंशु सेठिया ने सुमधुर गीतों का संगान किया। आभार ज्ञापन मंत्री रेखा बैंगानी ने व संचालन उपाध्यक्षा लक्ष्मी गिड़िया व नम्रता नाहटा ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर अ.भा. ते. म.मं की पूर्व अध्यक्षा, नारी रत्न ताराबाई सुराणा, मुख्य अतिथि सिविल कोर्ट कोलकाता जज पूनम सिंघी, अनुपमा नाहटा, संगीता बाफणा, कन्या मंडल प्रभारी सोनम बागरेचा की गरिमामयी उपस्थित रही। तेरापंथ महिला मंडल द्वारा अतिथियों, प्रायोजकों का सम्मान किया गया किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न सस्थाओं के पदाधिकारी व सदस्यों, महिला शक्ति व श्रद्धालुजन ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।