गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी के 111वें जन्मदिवस पर विविध कार्यक्रम
आचार्य श्री तुलसी की अभ्यर्थना में साध्वी राकेश कुमारी जी ने कहा- आचार्य तुलसी भारतीय ऋषि परंपरा के दिव्यमान सूर्य थे। ऐसे युगपुरुष ने प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान, अणुव्रत, नया मोड़, साहित्य, समण श्रेणी आगम संपादन आदि कई अवदान दिए। आप संपूर्ण मानव जाति के धार्मिक नेता थे। आपने धर्म को ग्रंथों और पंथों से बाहर निकाल कर जीवन में उतारने का प्रयास किया। साध्वी मलयविभा जी ने कहा कि आचार्य तुलसी का बाह्य और आंतरिक दोनों ही व्यक्तित्व विशाल थे। गुरुदेव की आंखों में ऐसा तेज था कि आने वाले सभी प्रभावित हो जाते थे। महिला मंडल ने मंगलाचरण, बंशीलाल पटावरी ने मुक्तक के माध्यम से अपनी प्रस्तुत दी। इस अवसर पर तप अभिनंदन समारोह का आयोजन भी किया गया, जिसमें चेंबूर व आसपास के क्षेत्र से 80 से भी ज्यादा तपस्वियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा अध्यक्ष रमेश धोका ने किया।